सोमवार, सितम्बर 29, 2025
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UGC Policy: UGC ने जारी किया नया फरमान, छात्रों की फीस नहीं लौटाने पर कॉलेज को चुकानी पड़ सकती है बड़ी कीमत, जानें पूरी डिटेल

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UGC NET Result: परीक्षा देकर परिणाम की आश में बैठे अभ्यर्थियों को किसी भी क्षण खुशखबरी मिल सकती है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जल्द ही यूजीसी नेट रिजल्ट जारी कर अभ्यर्थियों का इंतजार खत्म कर सकता है।

UGC Policy: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि UGC ने छात्रों और अभिभावकों की शिकायतों पर फीस रिफंड को लेकर नई पॉलिसी बनाई है। यूजीसी ने कड़े संदेशों में कॉलेजों को चेतावनी दी है कि अगर कोई कॉलेज छात्रों की फीस वापस नहीं करता है तो उस कॉलेज की मान्यता भी रद्द की जा सकती है। इसे लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। इसके मुताबिक दाखिला प्रवेश की अंतिम तिथि अधिसूचित होने से 15 दिन या इससे पहले सीट छोड़ने पर 100 फीसदी फीस वापस होगी। इसके साथ ही दाखिला प्रवेश की अंतिम तिथि अधिसूचित होने से 15 दिन से कम पर 90 फीसदी फीस वापस होगी। ऐसा नहीं करने पर कॉलेज पर कार्रवाई की जाएगी।

कॉलेजों पर हो सकती है कार्रवाई

  • संस्थान मौजूदा ऑनलाइन और ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) कार्यक्रमों के लिए मान्यता या पात्रता खो सकते हैं।
  • ऑनलाइन और ओडीएल कार्यक्रमों के लिए नए आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
  • यूजीसी द्वारा प्रदान किया गया कोई भी अनुदान रोका जा सकता है।
  • कॉलेजों की मान्यता को किया जा सकता है रद्द।
  • यूजीसी संभावित उम्मीदवारों सहित आम जनता को समाचार पत्रों और यूजीसी वेबसाइट पर प्रमुख नोटिस के माध्यम से संस्थान के गैर-अनुपालन के बारे में सूचित करेगा।

कॉलेजों को गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है

गौरतलब है कि यूजीसी की चेतावनी पिछले चार वर्षों में जारी किए गए कई नोटिस और परिपत्रों के बाद आई है, जिसमें सभी कॉलेजों को शुल्क वापसी नीति का पालन करने का निर्देश दिया गया है। जानकारी देने के बाद भी कई संस्थानों ने दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया। यूजीसी के आधिकारिक नोटिस में इस बात पर जोर दिया गया है कि किसी संस्थान द्वारा यूजीसी अधिसूचनाओं की व्याख्या के आधार पर फीस वापस करने से इनकार करना गंभीर परिणाम उजागर कर सकता है।

छात्रों के हित में लिया गया फैसला

यूजीसी की शुल्क वापसी नीति छात्रों के हितों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है कि प्रवेश रद्द करते समय उन पर आर्थिक बोझ न पड़े। संस्थानों से अपेक्षा की जाती है कि वे यूजीसी द्वारा प्रदान किए गए विभिन्न लाभों के लिए अपनी विश्वसनीयता और पात्रता बनाए रखने के लिए इन दिशानिर्देशों का सम्मान करें और उनका पालन करें।

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