Delhi AQI: दिल्ली हर साल की तरह इस बार फिर बेहद खराब एयर पॉल्यूशन से जूझ रहा है। जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। हालत इतने बुरे हो गए हैं कि, कुछ लोगों को तो वर्क फ्रोम होम तक मिल चुका है। वहीं, कुछ स्कूलों को बंद करके घर से ही क्लास दी जा रही हैं। 26 नवंबर को दिल्ली की हवा में फैला प्रदूषण का एक्यूआई लेवल 353 है। ये काफी खतरनाक हैं। इस जहरीली हवा से लोगों का दम घुटने लगा है। आज हम आपको इस खतरनाक हवा में फेफड़ों तक कैसे शुद्ध ऑक्सीजन पहुंचाया जा सकता है। इसकी एक्सरसाइज के बारे में बताने जा रहे हैं।
1- Delhi AQI में भुजंगासन रखेगा फेफड़ों का ध्यान
अगर आप दिल्ली या फिर इसके आस-पास के इलाकों में रहते हैं तो भुजंगासन कर सकते हैं। ये सांस की नली की समस्या को दूर करता है।
इसके साथ ही कमर और पेट में होने वाले दर्द में राहत देती है। भुजंगासन को कोबरा आसन भी कहते हैं। इसके लिए पेट के बल लेट जाएं थेलियों को अपने कंधों के नीचे, छाती के पास ज़मीन पर रखें। इसके बाद शरीर के ऊपरी हिस्से उठाए। इसके बाद दोनों हाथों को आगे की तरफ करके धीरे-धारे सांस अंदर और बाहर छोड़ें। करीब 15 से 20 सेंकड करें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी पुरानी बॉडी पॉजिशन पर ले जाएं। ऐसे 5 से 6 बार करें। इससे शरीर को तनाव से भी मुक्ति मिलेगी और फेफड़ों तक शुद्ध हवा जाएगी।
2-उष्ट्रासन से मिलेगा शुद्ध ऑक्सीजन
उष्ट्रासन सांस और फेफड़ों के लिए काफी अच्छा माना जाता है।इससे रक्त का संचार बढ़ता है। वहीं शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन पहुंचने की वजह से अस्थमा और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस साथ तमाम तरह की सांस की बीमारियों को रोकता है।
उष्ट्रासन करने के लिए घुटनों पर खड़े होकर शरीर के पिछले हिस्से की तरफ मुड़ते हैं और एड़ियों को छूते हैं। शरीर जब 90 डिग्री की तरह दिखेने लगे तो धीरे-धीरे सांस अंदर और बाहर की तरफ छोड़ें । इस स्थिति में 15 से 20 सेकंड तक बने रहे और धीरे-धीरे शरीर को वापस स्थिति में लेकर आएं।
3-सांसों के लिए बेस्ट है कपालभाति
कपालभाति एक ऐसा योगा है। जो सांस ही नहीं बल्कि तनाव कम करने से लेकर तमाम सारी गंभीर बीमारियों में रोगी को लाभ पहुंचाता है।
इसे करने के लिए जमीन पर दोनों पैरों को क्रोस करके बैठ जाना है। बॉडी बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। इसके बाद गहरी सांस ले और धीरे-धीरे करके इसे अंदर बाहर छोड़ें। 15 से 20 बार इसे दोहराएं। कपालभाति करने से फेफड़ों तक साफ और शुद्ध हवा पहुंचता है । इसके साथ ही बलगम जैसी गंभीर समस्या में भी राहत मिलती है। साइनस के मरीजों के लिए ये काफी उपयोगी है।
4-दिल्ली के गंदे प्रदूषण से बचना है तो करें मत्स्यासन
मत्स्यासन एक कठिन मगर काफी कारगर योगासन माना जाता है। इसमें पीठ के बल लेटना है।इसके बाद दोनों हाथ कूल्हों के नीचे रखने हैं।
इस दौरान हथेलियां जमीन पर टिकी होनी चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे मछली की तरह फोल्ड करें। फिर धीरे -धारे अपने सिर को जमीन पर टच करें । ऐसे अपनी शरीर की स्थिति के हिसाब से करें। मत्यासन फेफड़ों तक शुद्ध हवा को पहुंचाता है। अस्थामा से जूझ रहे लोग इसे सावधानी पूर्वक कर सकते हैं।
5-सांस की बीमारियों का काल है गोमुखासन
गोमुखासन बेहद आसान और लाभकारी माना जाता है। इसके लिए दोनों पैरों को क्रोस करके सीधे बैठ जाना है।
इसके बाद अपने दोनों हाथों को कमर की तरफ लेकर जाना है और छूना है। ये फेफड़ों तक साफ ऑक्सीजन को पहुंचाता है।ये छाती को खोलता है और शरीरे के अंधरुनी हिस्सों लाभ पहुंचाता है। प्रदूषण से बचने के लिए आप इस योगासन को कर सकते हैं।
