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‘सुबह उठकर फर्स्ट यूरिन पीना’ Paresh Rawal ने अपनी जिंदगी के खोले गहरे राज, जानें क्या हैं फायदें?

Paresh Rawal ने अपने हालहि में दिए इंटरव्यू में बताया था कि, उन्होंने अपना पेशाब पिया है। जिसके उन्हें कई सारे फायदे हुए हैं। उनका अब ये वीडियो काफी वायरल हो रहा है।

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Paresh Rawal
Picture Credit: Google Paresh Rawal

Paresh Rawal: पिछले कुछ दिनों से मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर बॉलीवुड एक्टर परेश रावल का एक बयान सुर्खियां बटोर रहा है। इस बयान में उन्होंने इंसानी पेशाब पीने के फायदों को बारे में बताया था। उन्होंने The Lallantop के शो में इस बात को कबूला कि, उन्होंने अपना पेशाब पिया है और इसका फायदा भी हुआ है। इस खुलासे के बाद कुछ लोगों ने उनका सपोर्ट किया तो कुछ ने विरोध किया। तो चलिए जानते हैं, सुबह उठकर फर्स्ट यूरिन पीने से उन्हें क्या फायदा हुआ है।

Paresh Rawal ने बताए फर्स्ट यूरिन पीने के फायदे

आपको बता दें, कुछ दिन पहले परेश रावल ने The Lallantop को एक इंटरव्यू दिया था। जिसमें उन्होंने एक किस्सा सुनाते हुए बताया था कि, उन्होंने अपना पेशाब पिया है।

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Video Credit: The Lallantop

उन्होंने अपने बयान में एक्टर अजय देवगन के पिता वीरू देवगन का जिक्र करते हुए बताया था कि, मुझे चोट लग गई थी। वीरु जब उन्हें देखने आए तो इंसानी पेशाब पीने के फायदे के बारे में बताया। परेश रावल ने दावा किया कि, सुबह उठकर अपना फर्स्ट यूरिन पीना चाहिए क्योंकि, सभी फाइटर लोग ऐसा करते हैं। 15 दिन में शरीर की सारी तकलीफ दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि, उनको चोट लग गई थी। वीरु देवगन की सलाह पर उन्होंने अपने फर्स्ट यूरिन को पीना शुरु किया। 15 दिन बाद जब डॉक्टर ने एक्स-रे निकाला तो वो भी हैरान थे ये कैसे हुआ? एक्टर का कहना था कि, उनके घुटने में लगी चोट इतनी ज्यादा गंभीर थी कि, उन्हें लगा उनका करियर खत्म हो जाएगा। लेकिन वो अपना फर्स्ट यूरिन पीकर ठीक हो गए।

Paresh Rawal के बयान पर एक्सपर्ट ने क्या कहा?

इस वीडियो को onlymyhealth ने अपने इंस्टाग्राम से पोस्ट किया है।

इसके साथ ही कैप्शन में परेश रावल के बयान पर डॉक्टर की राय के बारे में छापते हुए लिखा है कि,”डॉ. प्रतीक हेगड़े, कंसल्टेंट – ऑर्थोपेडिक्स, स्पोर्ट्स मेडिसिन और जॉइंट रिप्लेसमेंट स्पेशलिस्ट, बेंगलुरु, कहते हैं, “किसी व्यक्ति के मूत्र को पीने से घुटने की रिकवरी में कोई वैज्ञानिक या चिकित्सीय आधार नहीं है। मूत्र में मुख्यतः पानी, यूरिया और इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, जो शरीर के अंदर तो स्टेराइल होते हैं, लेकिन बाहर आते ही यह दूषित हो जाते हैं।”वह आगे बताते हैं कि ऑर्थोपेडिक पुनर्वास में प्रमाण-आधारित प्रोटोकॉल होते हैं, जो शारीरिक पुनर्वास, दवाइयों और कभी-कभी शल्य चिकित्सा पर आधारित होते हैं। मूत्र पीने का शरीर में ऊतक उपचार, सूजन कम करने या जोड़ के कार्य में कोई मान्यता प्राप्त भूमिका नहीं है, और यह सामान्य ऑर्थोपेडिक अभ्यास में अनुशंसित नहीं है।जब भी हम अपनी सेहत के बारे में कोई अनोखा तरीका अपनाएं, तो जरूरी है कि हम विशेषज्ञ की राय लें और सुरक्षित उपचार ही करें।”

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