Kidney Disease: काफी सारे लोग अकसर दर्द, बुखार और इंफेक्शन की समस्या में मेडिकल से खरीदकर कोई भी दवा ले लेते हैं। वो डॉक्टर के पास जाकर चेक कराने से बेहतर खुद ही अपनी समझ के हिसाब से अंग्रेजी और देसी दवाओं का सेवन कर रहे होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है? जरा सी लापरवाही किडनी को खराब कर सकती है। एक स्टडी में चौंका देने वाला खुलासा किया है। अगर आप भी इस तरह की दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो एक बार इनका गुर्दों पर पड़ने वाले प्रभावों को जरुर जान लें। क्योंकि ये भविष्य में मुसीबत खड़ी कर सकती हैं।
Kidney Disease को बढ़ा रही ये दवाएं
द लैसेटरी स्टडी में चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। ये सर्वे साल 2018 से लेकर 2023 में तेजी से बड़े किडनी के मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण किया गया है। इन आंकड़ों में 11.2 फीसदी से बढ़कर 16.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। भारतीयों में बढ़ती गुर्दे की बीमारियां सोच में डाल देने वाली हैं। इसका कारण बिना डॉक्टर की सलाह के द्वारा ली गई कुछ ऐसी दवाएं हैं जो सीधे किडनी को खराब कर रही हैं। इन नुकसान देने वाली दवाओं के बारे में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन ने छापा है। जिसमें डिक्लोफेनाक, नेप्रॉक्सन और इबुप्रोफेन जैसी पैन किलर हैं। ये दर्द रोकने वाली दवाएं किडनी पर सीधा प्रभाव डालती हैं। ये दर्द निवारक दवाएं गुर्द में ब्लड का संचार कम कर देती हैं। जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर कम होता है और किडनी को बीमारियां घेरने लगती हैं। इसी तरह बॉडी में हुए इनफेक्शन में दी जाने वाली दवाएं जैसे- टोब्रामाइसिन, अमिकासिन और जेन्टामाइसिन हैं। स्टडी में बताया गया है, अगर लंबे समय तक इन दवाओं का सेवन किया जाए तो ये किडनी को खरीब कर सकती हैं। लिसिनोप्रिल, रैमिप्रिल, लॉसार्टन जैसी दवाओं को लंबे समय तक लेने से इसके दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
किडनी का क्या काम है?
किडनी का काम खून को छानकर शरीर के अन्य हिस्सों में भेजना है। अगर गुर्दों में किसी प्रकार की समस्या हो जाए तो इसका सीधा प्रभाव दिल और दिमाग पर पड़ता है। स्थिति बिगड़ने पर रोगी की मौत भी हो सकती है। इसीलिए किडनी का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। ये बॉडी का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती है।
