Myeloma: स्विंडन की महिला को महीनों से जोड़ों में दर्द हो रहा था और उसका एनर्जी लेवल गिर रहा था। तब डॉक्टर को यह एहसास नहीं हुआ कि यह एक ऐसी समस्या है जो और भी बदतर हो सकती है। दो साल बाद, महिला को कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस का पता चला। उस समय किसी को इस बात की खबर भी नहीं थी कि यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत है। डॉक्टर्स को दिखाने के करीब 2 साल बाद महिला को पता चला कि उसे मायलोमा कैंसर है।
क्या होता है मायलोमा कैंसर
मल्टीपल मायलोमा एक प्रकार का कैंसर है जो प्लाज्मा कोशिकाओं नामक सफेद रक्त कोशिकाओं में विकसित होता है। इससे समस्याएं हो सकती हैं क्योंकि कैंसरयुक्त प्लाज्मा कोशिकाएं असामान्य प्रोटीन उत्पन्न करती हैं जो आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। उपचार हमेशा आवश्यक नहीं होता है, लेकिन यदि यह धीमी गति से बढ़ रहा है या यदि यह मल्टीपल मायलोमा होने के लक्षण दिखाता है, तो इसके बजाय निगरानी की सिफारिश की जाती है।
मायलोमा के ये हैं लक्षण
- हड्डी का दर्द इस बीमारी का एक लक्षण है जो खासकर आपकी रीढ़ या छाती में हो सकता है।
- इस बीमारी की शुरूआती संकेत जी मिचलाना है।
- आपकी डाइजेशन में भी गड़बड़ी दिख सकती है और ऐसे में कब्ज, भूख, में कमी होने लगेगी।
- थकान और कमजोरी भी इस बीमारी में लक्षण दिख सकते हैं।
लक्षणों को ना करें
यदि किसी मरीज में माइलोमा के लक्षण हैं तो इसे बिलकुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए। डॉक्टर्स के पास जाने पर एक्स-रे, यूरिन टेस्ट, पीईटी स्कैन, सीबीसी, सीटी स्कैन या एनआरआई करवाए जाए हैं। केवल बायोप्सी ही इस बात की पुष्टि कर सकती है कि आपको मल्टिपल मायलोमा है। ये लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द आप डॉक्टर्स को कंसल्ट कर सकते हैं ताकि गंभीर बीमारी अपना असर ना दिखा सके।
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, DNP INDIA न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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