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World No Tobacco Day 2025: फैटी लिवर के लिए काल क्यों माना जाता है तम्बाकू? पीड़ित मरीज भूलकर भी ना करें ये गलती

World No Tobacco Day 2025: फैटी लिवर तम्बाकू काफी बुरा प्रभाव डालता है। ऐसे में अगर कोई मरीज इसका सेवन करता है तो उसे हेल्थ प्रोबल्म और भी ज्यादा बढ़ सकती है। लिवर के डॉक्टर की राय जानें

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World No Tobacco Day 2025
World No Tobacco Day 2025: Picture Credit: Google

World No Tobacco Day 2025: आज दुनियाभर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है। तम्बाकू कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का एक प्रमुख कारण माना जाता है। लेकिन बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि, ये Fatty Liver के लिए किसी जहर से कम नहीं है। अगर आप भी लिवर कलेजे, जिगर या फिर यकृत की बीमारी से जूझ रहे हैं तो ये खबर जरुर जान लीजिए।

World No Tobacco Day 2025 कब से हुआ शुरु?

तम्बाकू के दुष्प्रभावों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1987 World No Tobacco Day मनाए जाने का एलान किया। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य तम्बाकू के कारण होने वाली मौतों और बीमारियों को रोकना है। इस बार की थीम ” अपील को उजागर करना: तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीति को उजागर करना ” है। इसका उद्देश्य लोगों को तम्बाकू के सेवन से रोकना है और बीमारियों से बचाना है।

डॉक्टर से जानें Fatty Liver पर तम्बाकू का कैसे पड़ता है असर?

सिगरेट और तम्बाकू का असर किस तरह से लिवर को बर्बाद कर सकता है और कितना हानिकारक होता है? इसके बारे में Consultant Liver & Multiorgan Transplant Surgeon Dr. Rahul Saxena ने अपने यूट्यूब चैनल पर बताकर मरीजों को जागरुक किया है।

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Video Credit: Dr. Rahul Saxena

डॉक्टर राहुल सक्सेना का कहना है कि, सिगरेट में कई सारे केमिकल होते हैं। जो सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन अगर रोजाना सिगरेट को पिया जाए तो इसमें मौजूद ऑक्सीडेटिव लिवर पर दबाव बनाते हैं। स्मोकिंग करने से हमारे बॉडी के अंदर रेड ब्लू सेल्स या लाल रंग की कोशिकाओं की ऑक्सीजन केयरिंग कैपेसिटी कम हो जाती है। इसके साथ ही जैसे-जैसे आरबीसी इसका लेवल बढ़ेगा वैसे-वैसे आयरन लोड भी बढ़ेगा यह एक्स्ट्रा आयरन बॉडी के अंदर जाकर लिवर में डिपॉजिट हो जाता है और इसकी वजह से लिवर को नुकसान होता है। आपको बता दें, सिगरेट स्मोकर्स में लिवर कैंसर होने के चांसेस नॉर्मल लोगों के कंपैरिजन में काफी ज्यादा होता है। फैटी लिवर का मरीज अगर इसे पीता है तो इससे मरीज में मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है। जिसके कारण लिवर के काम करने की क्षमता पर सीधा असर पड़ता है।

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