Donald Trump Reciprocal Tariffs: भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रही तनातनी अब खत्म होने जा रही है। बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत के दौरान इससे जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है।
निजी समाचार चैनल न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच आमने-सामने की बातचीत के दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने सांकेतिक तौर पर भारत को साफ संदेश दिया कि दिल्ली के साथ मैक्सिको, कनाडा और चीन जैसा व्यवहार नहीं किया जाएगा।
जिसके बाद एक तरफ जहां देश में मोदी सरकार की विदेश नीति की तारीफ हो रही है। वहीं देश के प्रमुख विपक्षी दलों में इस बात को लेकर निराशा देखी जा रही है कि कल तक वो Donald Trump Reciprocal Tariffs की अटकलों को अपना हथकंडा बनाकर सड़क से लेकर सदन तक मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे, जिसमें अब मौजूदा सरकार की विदेश नीति ने सब बिगाड़ दिया है।
India–US के बीच बैठक का मुद्दा क्या है?
गौरतलब है कि भारत और अमेरिका के अधिकारी तीन दिनों की बातचीत के लिए आमने-सामने होंगे। कहा जा रहा है कि इस दौर की बातचीत में संदर्भ की शर्तों में टीओआर को अंतिम रूप देना दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण है। जिसे द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए रोडमैप और समयसीमा तय करने के लिए संकलित किया जाएगा। रिपोर्ट्स की मानें तो चीन, कनाडा और मैक्सिको के साथ अपने व्यापार तनावों के विपरीत, US भारत के साथ सहयोगात्मक दृष्टिकोण चाहता है।
US में विदेशी कारों पर लगेगा 25% टैरिफ
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस से एक नया ऐलान किया है जिसने दुनिया के कई देशों को सकते में डाल दिया है। कहा गया है कि अमेरिका विदेश से आयातित कारों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएगा। इसके पीछे वजह अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देना है। अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump को उम्मीद है कि इससे देश के राजस्व में सालाना 100 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होगी। ट्रंप का यह फैसला 1 अप्रैल से विदेशी कारों पर लागू होगा। हालांकि ट्रंप ने इस फैसले को स्थाई करार दिया है।
Donald Trump Reciprocal Tariffs कब होगा लागू?
मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विभिन्न देशों के उत्पादों पर पारस्परिक टैरिफ लगाए हैं। जो अमेरिकी प्रशासन की घोषणा के अनुसार Donald Trump Reciprocal Tariffs 2 अप्रैल से लागू होने जा रहे हैं। इस साल जनवरी में दूसरे कार्यकाल के लिए पद संभालते ही ट्रंप ने चीन के साथ ट्रेड वॉर शुरू कर दिया था। इसके साथ ही ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको जैसे अपने सबसे करीबी पड़ोसियों और सहयोगियों के साथ भी यही रवैया अपनाया है। इसके बाद ट्रंप भारत को टैरिफ किंग का दर्जा देते हुए पारस्परिक टैरिफ लगाने की बात करते रहे हैं। जिसके बाद मोदी सरकार को लेकर भारत से लेकर अमेरिका तक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया।