Imamuddin Ansari: उत्तर प्रदेश के शामली से एक चौंकाने वाली खबर आई है। जिले के थानाभवन क्षेत्र के गांव मंटी हसनपुर स्थित शनि मंदिर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह जानकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। स्थानीय पुलिस ने इसी मंदिर परिसर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उसे स्थानीय लोग बाबा बंगाली उर्फ बालकनाथ के नाम से जानते हैं। उसकी असली पहचान जानकर आप चौंक जाएंगे। यह जानने के लिए इस खबर को अंत तक पढ़ें।
Imamuddin Ansari: क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, बाबा बंगाली उर्फ बालकनाथ की गिरफ्तारी आज सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गई है। उसकी पहचान Imamuddin Ansari (55 वर्ष) के रूप में हुई है, जो कालचीनी, जिला अलीपुरद्वार, पश्चिम बंगाल का निवासी है। वह पिछले दो वर्षों से मंटी हसनपुर गांव में स्थित शनि मंदिर में पुजारी के रूप में रह रहा था और स्थानीय लोगों के बीच खुद को हिंदू साधु के रूप में पेश करता था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले शनिवार रात पुलिस को सूचना मिली कि मंदिर में रहने वाला बाबा हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम है और वह फर्जी पहचान के जरिए खुद को यहां पेश कर रहा है। यह मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तुरंत मंदिर में छापेमारी की और इमामुद्दीन को हिरासत में ले लिया। जिसके बाद पुलिस द्वारा की गई पूछताछ और जांच के दौरान उसके पास से तीन आधार कार्ड और एक पैन कार्ड बरामद किया गया।
पत्रकार सचिन गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, ”शामली पुलिस ने कई साल से शनिदेव मंदिर का पुजारी बाबा Balaknath बने पश्चिम बंगाल के इमामुद्दीन अंसारी को गिरफ्तार किया। फर्जी आधार कार्ड में इसका नाम बंगाली नाथ था।”
Imamuddin Ansari मंदिर में बाबा Balaknath बनकर कर रहा था पूजा
मालूम हो कि इस मामले की पुलिस पूछताछ और जांच के दौरान जो बातें सामने आई हैं, उसे जानकर हर कोई हैरान है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो Imamuddin Ansari के पास “बंगाली नाथ केयर ऑफ कमलनाथ” नाम से आधार कार्ड और पता लक्ष्मी नारायण मंदिर, सहारनपुर दर्ज था, जबकि बाकी दस्तावेजों में उसका असली नाम इमामुद्दीन अंसारी और मूल पता पश्चिम बंगाल लिखा है। बताया जाता है कि आरोपी व्यक्ति ने ग्राम प्रधान रामेश्वर को विश्वास में लेकर मंदिर निर्माण के नाम पर जमीन भी हासिल की थी। इतना ही नहीं, ग्रामीणों से चंदा इकट्ठा करके मंदिर का निर्माण करवाया था। जिसके बाद आरोपी मंदिर में रहकर पूजा-अर्चना करता था।
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