Donald Trump: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस नए कार्यकाल में अमेरिका एक नए दौर से गुजर रहा है। जिसमें ट्रंप प्रशासन के कई सख्त आदेश दुनिया में चर्चा का विषय बन गए हैं। इसी कड़ी में अमेरिकी प्रशासन की एक और ”खोजी कार्रवाई” की खबर पूरी दुनिया में आग की तरह फैल रही है। यहां यह ध्यान रखना चाहिए कि ‘खोजी कार्रवाई’ का मतलब किसी व्यक्ति विशेष की पहचान के लिए चलाया जा रहा अभियान है, जिस पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई संभावित लगती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो Donald Trump प्रशासन ने कॉलेजों से उन छात्रों के नाम और राष्ट्रीयता के बारे में जानकारी साझा करने को कहा है, जिन्होंने यहूदी छात्रों या फैकल्टी सदस्यों को परेशान करने में अहम भूमिका निभाई है। साथ ही जो विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा रहे हैं।
क्या भारतीय छात्रों को US से निर्वासित किया जाएगा?
प्रमुख अमेरिकी दैनिक समाचार पत्र द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में यह आशंका जताई गई है कि इनका इस्तेमाल विदेशी छात्रों को निर्वासित करने के लिए “टिप शीट” के रूप में किया जा सकता है। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब Donald Trump सरकार ने अवैध अप्रवासियों को निर्वासित किया है और अमेरिकी कॉलेजों में कई प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। वहीं, अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को इन सबके कारण परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इनकी संख्या 331,602 है और इन्हें अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा समूह बताया गया है। हाल ही में कोलंबिया में भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन ने अपना छात्र वीजा रद्द होने के बाद खुद को अमेरिका से निर्वासित कर लिया था। जिसके बाद अटकलों का बाजार गर्म है।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के खिलाफ Donald Trump की बड़ी कार्रवाई
मालूम हो कि इसी महीने दो हफ़्ते पहले डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में यहूदी छात्रों के उत्पीड़न के मामले में सख्त कार्रवाई की थी। इसके तहत यूनिवर्सिटी को दिए गए करीब 400 मिलियन डॉलर के संघीय अनुदान और अनुबंधों को तुरंत रद्द करने की घोषणा की गई थी। इसके बाद Donald Trump ट्रंप प्रशासन की ओर से मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार यहूदी विरोधी भावना से निपटने के लिए गठित संयुक्त टास्क फोर्स ने यह कार्रवाई की। इसके बाद अमेरिकी मीडिया ने कहा कि ट्रंप प्रशासन का यह पहला कदम है और अगर भविष्य में विश्वविद्यालयों में इसी तरह का भावनात्मक माहौल नहीं बनाया गया तो कटौती का दौर जारी रहेगा।