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PM Modi US Visit: पीएम मोदी की अपने फ्रेंड Donald Trump से मुलाकात से क्या हो सकता है फायदा? जानें पूरी डिटेल

PM Modi US Visit: पीएम मोदी 13 फरवरी को वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। इस अहम मुलाकात में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने जैसे विषयों पर चर्चा होगी। पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच रक्षा व्यापार और सैन्य साझेदारी तेजी से बढ़ी है।

PM Modi's meeting with US President Donald Trump. Symbolic image
PM Modi's meeting with US President Donald Trump. Symbolic image

PM Modi US Visit: कल यानि बुधवार को दुनिया की नज़र अमेरिका पर रहेगी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी से दो दिवसीय यात्रा पर US में रहेंगे। वहां उनका नए अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump से मिलने का कार्यक्रम है। इस मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। जिसे लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में साफ हलचल देखी जा सकती है।

यह कहना सही होगा कि दोनों दिग्गज नेताओं के बीच हाल के दिनों में आयात पर लगाए जा रहे टैरिफ जैसे मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा होने की संभावना रहेगी। इसके पीछे कई कारण हैं। इन सबके बीच ट्रंप के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट का बयान उद्धृत करना महत्वपूर्ण है।

क्योंकि उनके बयान में भारत द्वारा आयात पर लगाए जा रहे टैरिफ को कम करने की मांग साफ तौर पर दिखाई देती है। उन्होंने कहा, “India आयात पर बहुत अधिक शुल्क लगाता है। जिसके कारण आयात पर असर पड़ा है।” केविन हैसेट का मानना ​है कि जब दोनों देशों के प्रमुख एक साथ बैठेंगे तो उनके बीच काफी बातचीत होगी। जिसमें आयात पर टैरिफ जैसे मुद्दे शामिल होंगे।

मोदी- ट्रंप मुलाकात से पहले टैरिफ में कटौती

पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात दोनों देशों के लिए फायदेमंद बताई जा रही है। हालांकि मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो US को भारत से कई उम्मीदें हैं। वहीं भारत के कई ऐसे मुद्दे हैं, जो सालों से समझौते के लिए लटके हुए हैं। PM Modi US Visit से पहले ही भारत खुद को ज्यादा आयात शुल्क लगाने वाले देशों की सूची से अलग करने की कोशिश करता रहा है।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि President Trump के भारतीय प्रधानमंत्री से अच्छे संबंध रहे हैं। इसके बाद भी उन्होंने भारत को Tariff King का दर्जा दिया है। इन सब वजहों से इस साल के बजट में भारत ने कई वस्तुओं के आयात शुल्क में बड़ी कटौती कर नया संदेश देने की कोशिश की है। मालूम हो कि मौजूदा समय में भारत का औसत सीमा शुल्क 11.65 प्रतिशत से घटकर 10.6 प्रतिशत हो गया है।

इस बारे में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल का कहना है कि दरों को युक्तिसंगत बनाने की कवायद शुल्क ढांचे को सरल बनाने और Indian Industries की प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करने के लिए की गई है। जानकारी हो कि यह प्रयास यूएस जैसे विकसित देशों की उस धारणा को दूर करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिसमें वे अक्सर भारत पर उच्च शुल्क लगाने का आरोप लगाते रहे हैं।

PM मोदी की अमेरिका दौरे से ये होंगे फायदे

पीएम मोदी 13 फरवरी को Washington DC में अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। इस अहम मुलाकात में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने जैसे विषयों पर चर्चा होगी। पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच रक्षा व्यापार और सैन्य साझेदारी तेजी से बढ़ी है। हालांकि, उम्मीद है कि दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद इसमें और मजबूती आएगी।

मालूम हो कि दोनों देशों का रुख एक साझा रणनीतिक नजरिए वाला रहा है। इसे Indo-Pacific Strategy और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों से समझा जा सकता है।अमेरिका भारत का एक मजबूत साझेदार रहा है। वर्ष 2016 में US द्वारा भारत को मेजर डिफेंस पार्टनर का दर्जा दिया गया है।

जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों और तकनीक के हस्तांतरण में काफी तेजी आई है। इसके अलावा भारत को वर्ष 2018 में स्ट्रैटेजिक ट्रेड ऑथराइजेशन टियर-1 का दर्जा दिया गया। जिससे भारत को सैन्य और दोहरे उपयोग वाली तकनीकों को मजबूत करने में मदद मिली। हाल के दिनों में खबर सामने आई है कि भारत कई लड़ाकू विमान खरीदने की दिशा में काम कर रहा है।

बताया जा रहा है कि भारत के पास पहले से ही कई लड़ाकू विमान खरीदने का प्रस्ताव है। इनमें F-21, बोइंग F/A-18 सुपर हॉर्नेट और Boeing F-15EX Eagle जैसे उन्नत लड़ाकू विमान शामिल हैं। अगर यूएस के साथ डील फाइनल हो जाती है तो ये विमान Indian Air Force की ताकत के साथ-साथ Indian सैन्य शक्ति को भी बढ़ाएंगे।

इसके साथ ही ये यूएस के साथ सैन्य समन्वय को मजबूत करने में मददगार बनकर उभरेंगे।बता दें कि इसके अलावा भारत America से नौसेना के लिए आधुनिक सुरक्षा प्रणाली और हथियार, उन्नत हेलीकॉप्टर और ड्रोन खरीद सकता है। साथ ही, भारत और US के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण को लेकर भी बातचीत हो सकती है। साथ ही दोनों देशों के प्रमुखों के बीच इंडो-पैसिफिक रणनीति और वैश्विक शक्ति संतुलन को लेकर भी कोई बड़ी डील हो सकती है।

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