Home ख़ास खबरें SC on Domicile Reservation: सुप्रीम कोर्ट का आदेश; ‘पीजी मेडिकल एडमिशन में...

SC on Domicile Reservation: सुप्रीम कोर्ट का आदेश; ‘पीजी मेडिकल एडमिशन में अधिवास आधारित आरक्षण रद्द’ जानें फैसले से जुड़ी सभी बातें

SC on Domicile Reservation: बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने तन्वी बहल बनाम श्रेय गोयल मामले की सुनवाई करते हुए पीजी मेडिकल एडमिशन में निवास आधारित आरक्षण को रद्द करने का फैसला सुनाया है। यह आदेश पूरे देश में नए सिरे से लागू होगा। इससे पिछली एडमिशन प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

Supreme Court
Supreme Court

SC on Domicile Reservation: सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल पीजी कोर्स में अधिवास आधारित आरक्षण को खत्म करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इन कोर्स में दाखिले के लिए स्थानीय निवासियों को दिए जाने वाले आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हृषिकेश रॉय, सुधांशु धूलिया और एसवीएन भट्टी की बेंच ने बुधवार को यह फैसला सुनाया और कहा कि मेडिकल कॉलेज पोस्ट ग्रेजुएशन एडमिशन में Domicile Reservation संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा, “हम सभी देश के भूभाग में अधिवासी हैं। इसमें प्रांतीय या राज्य अधिवास आदि जैसी कोई चीज शामिल नहीं है। यह केवल अधिवास को दर्शाता है। हम सभी भारत के ही निवासी हैं और भारतीय निवासी हैं।”

चंडीगढ़ के एक मेडिकल कॉलेज से केस की शुरुआत

आपको बता दें कि फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो फैसला अभी सुनाया जा रहा है उसे अब पूरे देश में नए सिरे से लागू किया जाएगा। इसके मुताबिक पुराने नामांकन पर कोर्ट का फैसला प्रभावी नहीं होगा। गौरतलब है कि ये मामला चंडीगढ़ के एक मेडिकल कॉलेज से उठा था। जब यहां के एक मेडिकल कॉलेज ने पीजी में एडमिशन के लिए निवास आधारित आरक्षण को आधार बनाया था। इसके खिलाफ तन्वी बहल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

जानकारी हो कि इसलिए इस केस को Tanvi Behl vs Shrey Goel के नाम से भी जाना जाता है। साल 2019 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ अपील पर ये मामला Supreme Court पहुंचा था। जिस पर आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान फैसला सुनाया गया। जिसकी सारी जानकारी सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। यहां से इस केस से संबंधित अन्य जानकारी और नए आदेश को पढ़ा और देखा जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से छात्रों में खुशी की लहर

मालूम हो कि याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि भारत में रहने वाले लोगों को उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए निवास के आधार पर आरक्षण कैसे मिल सकता है? हालांकि, यह मामला 5 साल से कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला देश के छात्रों के लिए किसी मरहम से कम नहीं है। Indian Constitution में सभी को अधिकार मिले हैं। इसका दुरुपयोग देश की मौजूदा पीढ़ी के लिए दर्द की तरह है। ऐसे में मेडिकल पीजी कोर्स में निवास आधारित आरक्षण खत्म करने के SC के आदेश को लेकर देशभर के छात्रों में खुशी की लहर है।

ये भी पढ़ें: HRRL Recruitment 2024: हाथ से न जाने दें ये मौका… Rajasthan Refinery Limited में मोटी सैलरी वाली नौकरी की भरमार, इन पदों पर तुरंत…

Exit mobile version