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Belly Fat का 30 के बाद क्यों है ज्यादा रिस्क, जानिए एम्स से ट्रेनिंग लिए एक्सपर्ट के 4 प्रभावी तरीके

Belly Fat: इसके बाद अगर आप भी बैली फैट की वजह से परेशान है तो आइए जानते हैं इसे लेकर डॉक्टर सौरभ शेट्टी ने क्या कहा जो आपके लिए मददगार हो सकता है। इसके लिए आपको कौन से उपाय करने की जरूरत है।

Belly Fat
Photo Credit- Google Belly Fat

Belly Fat: 30 के बाद बैली फैट का बढ़ना स्वाभाविक है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों समय के साथ आपके पेट में बदलाव आने लगते हैं। आखिर इस दौरान क्या करें जिससे आपको फायदा मिल सके। एम्स से ट्रेंड डॉक्टर ने एक पोस्ट के जरिए लोगों को सावधान रहने के लिए कहा है और बताया कि आखिर 30 के बाद क्यों बैली फैट होने के साथ-साथ शरीर में बदलाव होने लगते हैं जबकि आप अपनी डाइट में कोई भी फेरबदल नहीं किए हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह डॉक्टर ने क्या बताई है और कैसे आपको सावधान रहने की जरूरत है।

क्यों 30 के बाद बनने लगता है Belly Fat

इस पोस्ट में डॉक्टर सौरभ शेट्टी ने बताया कि मेटाबॉलिज्म स्लो होने की वजह से आपका वजन भले ही स्थिर हो लेकिन यह बढ़ने लगता है। शुगर की क्रेविंग ज्यादा होने लगती है और कार्ब से ब्लोटिंग होने लगती है और ऐसे मे एब्डोमेन के ऊपर फैट गैन होने लगता है। डॉक्टर के मुताबिक 30 के बाद 3 से 8 परसेंट मसल्स हर 10 वर्ष में नेचुरल तरीके से लूज करने लगते हैं। ऐसे में लोअर कैलोरी बर्न नहीं हो पाता है इसके बाद 70 से 80% मसल्स ग्लूकोस डिस्पोजल की वजह बनती है और यह फैट बनता है।

क्यों कमर के पास बढ़ते हैं फैट

इन्सुलिन सेंसटिविटी 5% हर 10 साल में कम होने लगता है और ऐसे में कमर में फैट स्टोर बढ़ने लगता है। इसके साथ ही हार्मोनल शिफ्ट 30 के बाद होने की वजह से फैट स्टोरेज होने लगता है। यह लोगों में तब ज्यादा होता है जब आप फैटी लिवर, प्रीडायबिटीज या डायबिटीज के साथ-साथ हाई ट्राईग्लिसराइड से जूझ रहे हैं।

बेली फैट में ये 4 उपाय है फायदेमंद

ऐसे में डॉक्टर शेट्टी का कहना है कि आप प्रोटीन का सेवन 1.2 से 1.6 ग्राम पर किलो हर दिन करें। इसके साथ ही स्ट्रेंथ ट्रेनिंग हफ्ते में तीन बार करने से फायदा मिलेगा। डेली वॉकिंग करने से आपका इंसुलिन सेंसिटिविटी इंप्रूव हो सकता है तो इसके साथ ही 7 से 8 घंटे की नींद लेनी बेहद जरूरी है।

Disclaimer: यह लेख और इसमें दी गई चिकित्सीय परामर्श केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से किसी योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इस लेख में बताए गए तरीकों और दावों को केवल सुझाव माना जाना चाहिए; डीएनपी इंडिया हिंदी न तो इनकी पुष्टि करता है और न ही खंडन करता है। ऐसे किसी भी सुझाव/उपचार/दवा/आहार का पालन करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।

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