Heart Health: हार्ट हमारे शरीर का अभिन्न अंग है जो ब्लड को पंप करके सभी अंगों तक ऑक्सीजन और बाकी पोषक तत्व पहुंचाता है। शरीर को सुचारू रूप से काम करवाने के लिए हृदय का हेल्दी होना बेहद जरूरी होता है और इसके लिए यह भी जरूरी है कि आपका हार्ट रेट ना ज्यादा हो और ना कम। अगर आपको यह लगता है कि लो हार्ट रेट का मतलब यह है कि आप फिट है तो आपको यह गलत पता है। कार्डियोलॉजिस्ट ने सोशल मीडिया पर एक इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बताया कि आखिर दिल धीरे धड़कने का मतलब क्या होता है। ऐसे में किन लक्षणों पर गौर करें।
लो हार्ट रेट में मस्तिष्क ही नहीं शरीर को भी नहीं मिल पाता ऑक्सीजन
कार्डियोलॉजिस्ट के मुताबिक 50 बीपीएम से कम हार्ट रेट का मतलब हो सकता है कि आपके हार्ट का एलेक्ट्रिकल सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है। इसकी वजह से आपके मस्तिष्क ही नहीं पूरे शरीर को परेशानी झेलनी पड़ सकती है। लो हार्ट बीट का मतलब ये हो सकता है कि आपके मस्तिष्क और शरीर को जरूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। ऐसे में इस पर जरूर ध्यान दे क्योंकि आप मुसीबत के घेरे में हैं।
Heart Health के लिए इन लक्षणों को ना करें इग्नोर
अगर आपको महसूस हो रहा है कि आपका हार्टबीट लो है तो इसके साथ ही चक्कर आना, थकान, बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द या असहजता रेड सिग्नल है कि आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है। इसकी वजह से आपको काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि यह सामान्य नहीं है। भले ही आप ठीक महसूस कर रहे हैं। कभी-कभी दवाइयों से काम चल जाता है तो कभी-कभी इसके लिए डॉक्टर ही आपकी मदद कर सकते हैं।
लो हार्ट रेट होने पर क्या करें
कार्डियोलॉजिस्ट के मुताबिक अगर आपको लो हार्ट रेट महसूस हो रहा है तो आपको अपनी पल्स चेक करने की जरूरत है। इसके साथ ही लक्षणों को नजर अंदाज न करने के साथ आपको किसी कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करने में भलाई है ताकि जोखिम के बारे में पता चल सके।