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बीमारी या पीड़ा होने पर ‘बाबा’ के पास जाना सही या गलत? Premanand Maharaj ने साफ की तस्वीर; उपदेश सुन खुशी से झूम उठेंगे

Premanand Maharaj ने बताया है कि बीमारी या पीड़ा होने की स्थिति में किसी 'बाबा' के पास जाना सही है या गलत है। उन्होंने ये भी बताया है कि समय गतिमान है और दुख-दर्द स्थायी नहीं होता। प्रेमानंद महाराज का ये खास उपदेश सुनकर आप खुशी से झूम उठेंगे।

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Premanand Maharaj
Picture Credit: गूगल (प्रेमानंद महाराज- सांकेतिक तस्वीर)

Premanand Maharaj: गुरु प्रेमानंद का दरबार हो तो, सवालों की फेहरिस्त यूंही लंबी होती चली जाती है। देश-दुनिया से पहुंचे लोग प्रेमानंद महाराज के दरबार में हाजिरी लगाते हुए अपने-अपने हिस्से का सवाल रखते हैं। ऐसा ही सवाल एक अनुयायी द्वारा पूछा गया। सवाल था कि बीमारी या पीड़ा होने की स्थिति में क्या ‘बाबा’ के आशीर्वाद से सब ठीक हो जाएगा? इसका जवाब Premanand Maharaj ने इतने करीने से दिया है जिसे सुन लोग खुशी से झूम उठेंगे। प्रेमानंद महाराज ने इसको लेकर पूरी तस्वीर साफ कर दी है और बताया है कि बीमारी या पीड़ा होने की स्थिति में व्यक्ति को क्या करना चाहिए।

Premanand Maharaj ने बताया बीमारी या पीड़ा से छुटकारा पाने का उपाय

राधा केली कुंज आश्रम में एक सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा कि “यदि किसी को रोग है, दर्द है तो डॉक्टर के पास जाए। बाबा जी क्या करेंगे। आशीर्वाद से रोग नहीं ठीक होता। यहीं भटके हैं सभी। कोई जंतर बांध देगा, आशीर्वाद दे देगा तो रोग नहीं ठीक होगा। अच्छे कर्म करो। पूर्व कर्मों के पाप के कारण ही हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अच्छे कर्म करो, मां-पिता का सेवा करो, भगवान का नाम जप करो, सारे पाप कर्म नष्ट हो जाएंगे। ऐसा होने के बाद फिर किसी से आशीर्वाद मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब भगवान का नाम मत जप करो, मुंर्गा-मांस खाओ और शराब का सेवन करो, तो बाबा जी आशीर्वाद देकर क्या करेंगे। ऐसा करने पर सिर्फ दुर्गति ही होगी।”

दुख-दर्द से बचना हैं तो, ध्यान से सुनें गुरु प्रेमानंद महाराज का उपदेश

Premanand Maharaj का कहना है कि “सत्य सबको बुरा लगता है, लेकिन सावधान हो जाओगे तो सुखी हो जाओगे। बाबा जी के आशीर्वाद से आप कभी रोगरहित नहीं हो सकते हो। तुम्हारे कर्म ठीक रहेंगे तो, तुम्हारा सब काम बन जाएगा। जीवों को उबाल-उबाल कर खाने, शराब पीने, व्यविचार करने से तो बुद्धि भ्रष्ट हो ही जाएगी। ऐसी स्थिति में किसी का कोई आशीर्वाद काम नहीं करेगा। आप अच्छे कर्म करो, आपकी उन्नति होगी और सब कुछ मंगल ही मंगल होगा। दुख, कर्म से घटता या बढ़ता है। सत्कर्म करने से सब अच्छा होगा। हमारी बात मान लो, माता-पिता की सेवा करो और अच्छे कर्म करो, सब ठीक होगा। समय गतिमान है, कुछ भी स्थिर नही है। ऐसे में दुख भी एक ना एक दिन दूर हो ही जाएगा। कायर की बजाय शूरवीर योद्धा की तरह जीवन व्यतीत करो।”

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