Premanand Maharaj: बिल्ली का रास्ता काटना कितना अशुभ है? बिल्ली के रास्ता काटने से क्या यात्रा प्रभावित होती? बिल्ली यदि रास्ता काट दे तो क्या अमंगल होता है? इस तरह के तमाम सवालों के जवाब आज भी चर्चा बटोरते हैं। भारत के अलावा यूरोप के कई देशों में भी बिल्ली को शुभ और अशुभ का प्रतीक माना जाता है। इसी कड़ी में प्रेमानंद महाराज के दरबार में एक श्रद्धालु इसी सवाल को लेकर पहुंच गया। गुरु प्रेमानंद के अनुयायी के मन में ये सवाल कई दिनों से घर कर रहा था। Premanand Maharaj ने पहले बड़े तसल्ली से सवाल को सुना और फिर तर्क के साथ इसका जवाब दिया। गुरु प्रेमानंद ने बताया कि कैसे बिल्ली के रास्ता काटने के बाद अमंगल होने से बचा जा सकता है।
बिल्ली का रास्ता काटना कितना अपशगुन? ध्यान से सुनें Premanand Maharaj का खास उपदेश
मथुरा के राधा केली कुंज आश्रम में एक अनुयायी ने बिल्ली के रास्ता काटने से जुड़े मान्यताओं को लेकर प्रेमानंद महाराज के समक्ष सवाल पूछा। गुरु प्रेमानंद ने अनुयायी का जवाब देते हुए कहा कि “ऐसी स्थिति में कभी मत रुकना। चाहें बिल्ली रास्ता काट जाए या कुत्ता या सिहार, ये सब सांसारिक बातें हैं। सब में भगवान विराजमान है। ऐसे में आपके साथ अमंगल नहीं हो सकता। बिल्ली में ही भगवान की भावना को प्रणाम करो और आगे बढ़ जाओ। फिर आपको कोई परेशानी नहीं होगी।”
प्रेमानंद महाराज हंसी भरे अंदाज में कहते हैं कि “अच्छा बताओ बिल्ली जोरदार कि ब्रजवासी?” फिर सामने से जवाब आता है ब्रजवासी। इसके बाद Premanand Maharaj कहते हैं “जैसे लोग कहते हैं, इस दिशा में इस दिन नहीं जाना चाहिए, तो उस दिशा में भगवान को विराजमान करके प्रणाम करो और बढ़ जाओ। ऐसा करने पर कोई दिशा दोष नहीं लगेगा। यदि ऐसी स्थिति में मन घबराए तो तत्काल गोविंद का स्मरण करो और गिरिराज धरण की जय बोल आगे बढ़ जाओ। बाधाएं उनके लिए हैं जो विमुख और पापी लोग हैं। पूर्ण आत्मा और भगवत भक्त के लिए हर विघ्न मंगल दायक हो जाता है।”
ज्योतिष शास्त्र में क्यों है बिल्ली का जिक्र?
गौरतलब है कि ज्योतिष शास्त्र में बिल्ली को राहु की सवारी माना गया है। इसके अलावा सदियों से बिल्ली को लेकर कई तरह की मनगढ़ंत मान्यताएं चलती आई हैं। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो यदि बिल्ली किसी का रास्ता काट दे, तो ‘रां राहवे नम:’ मंत्र का जप कर आगे बढ़ सकते हैं। इससे किसी भी तरह के अपशगुन होने की आशंका कम हो जाती है।