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वक्फ बोर्ड में हिंदुओं के दखल का जिक्र कर झलकी Asaduddin Owaisi की छटपटाहट! Waqf Amendment Bill को लेकर BJP को लिया आड़े हाथ

Waqf Amendment Bill पर पक्ष रखते हुए Asaduddin Owaisi की छटपटाहट झलकी है। AIMIM सांसद का कहना है कि "सरकार ने गैर-मुसलमानों को JPC का सदस्य बनाया। सदस्यों को नामित किया गया ना कि निर्वाचित।"

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Waqf Amendment Bill
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Waqf Amendment Bill: वक्फ बोर्ड का मसला भी दिल्ली से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में चर्चा का केन्द्र बना है। वक्फ बोर्ड में अप्रत्यक्ष रूप से हिंदुओं के दखल को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की छटपटाहट सामने आई है। AIMIM सांसद ने वक्फ अमेंडमेंट बिल को लेकर छिड़ी चर्चा के बीच इसे नई मोड़ दे दी है। Asaduddin Owaisi ने आज BJP को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “बीजेपी सांसदों ने अपनी संख्या बल का उपयोग करके संशोधनों की अंतिम रिपोर्ट पारित कराई। सरकार ने गैर-मुसलमानों को जेपीसी का सदस्य बनाया। सदस्यों को नामित किया गया ना कि निर्वाचित।” Waqf Amendment Bill का हवाला देकर ओवैसी का कहना है कि “सरकार सारी वक्फ संपत्तियों को चुराने की कोशिश कर रही है।”

Asaduddin Owaisi ने Waqf Amendment Bill को लेकर रखा पक्ष

असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ अमेंडमेंट बिल को लेकर कहा कि “बीजेपी सांसदों ने अपनी संख्या बल का उपयोग करके संशोधनों की अंतिम रिपोर्ट पारित कराई। सरकार ने गैर-मुसलमानों को जेपीसी का सदस्य बनाया और उन्हें नामित किया। लिमिटेशन एक्ट यदि हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड, सिखों के गुरुद्वारों या ईसाइयों पर लागू नहीं होता है, तो सरकार इसे Waqf Board पर लागू करने की कोशिश क्यों कर रही है? कलेक्टर और ऊपर के अधिकारियों को अधिकार देकर सरकार कार्यकारी नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रही है। सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले में ‘वक्फ बाय यूजर’ के बारे में कही गई बातों के विपरीत काम कर रही है।”

AIMIM सांसद को खटक रहा हिंदुओं का दखल!

एआईएमआईएम सांसद ने Waqf Amendment Bill पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि “जब हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड का सदस्य कोई गैर हिंदू नहीं हो सकता, तो फिर गैर मुस्लिम यहां (वक्फ बोर्ड) का सदस्य कैसे बन जाता है? सरकार सारी वक्फ संपत्तियों को चुराने की कोशिश कर रही है। हमें बताए बिना, जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट में हमारे द्वारा दी गई कई तथ्यात्मक बातें गायब कर दीं। हमने इन तथ्यों पर विचार करने के लिए अध्यक्ष को पत्र लिखा है। सत्ता पक्ष के लोग इसे जेपीसी कह रहे हैं। यह JWC (संयुक्त कार्य समिति) है। अगर यह जेपीसी होती तो इसके पास ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की तरह जांच शक्तियां होतीं।”

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