Home ख़ास खबरें करगिल युद्ध लड़ने वाले रिटायर जवान Hakimuddin Shaikh से भीड़ ने मांगा...

करगिल युद्ध लड़ने वाले रिटायर जवान Hakimuddin Shaikh से भीड़ ने मांगा नागरिकता का सबूत तो भड़क उठे Asaduddin Owaisi; यूजर बोला – ‘और करो मोदी प्रोपेगंडा..’

Asaduddin Owaisi: पुणे में करगिल युद्ध लड़ने वाले रिटायर जवान और उनके परिवार ने आरोप लगाया कि उनसे जबरदस्ती नागरिकता मांगी गई।

Asaduddin Owaisi
Asaduddin Owaisi - फाइल फोटो प्रतीकात्मक

Asaduddin Owaisi: नागरिकता कानून को लेकर पक्ष-विपक्ष में लगातार तकरार जारी है, इसी बीच पुणे में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां करगिल युद्ध लड़ने वाले रिटायर जवान Hakimuddin Shaikh और उनके परिवार ने आरोप लगाया है कि उनसे जबरदस्त नागरिकता मांगी गई। TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक करगिल युद्ध लड़ने वाले रिटायर जवान ने आरोप लगाया कि शनिवार रात करीब 30 से 40 लोग पुलिस के सााथ उनके घर पर धावा बोल दिया, और उनसे नागरिकता का सबूत मांगने लगे, बता दें कि इस घटना के बाद अब एआईएमआईएम प्रमुख Asaduddin Owaisi भड़क उठे और इस मामले में तीखी प्रक्रिया दी है।

रिटायर जवान और उनके परिवार से भीड़ ने मांगा नागरिकता का प्रमाण

टीओआई के मुताबिक परिवार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि आधी रात तक परिवार के पुरुष सदस्यों को पुलिस स्टेशन ले जाया गया। परिवार के एक सदस्य ने आरोप लगाया कि “हमें सुबह 3 बजे तक इंतज़ार करने के लिए कहा गया और चेतावनी दी गई कि अगर हम अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए, तो हमें बांग्लादेशी या रोहिंग्या घोषित कर दिया जाएगा।” वहीं इस मामले में पुलिस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। डीसीपी सौम्या मुंडे ने इस मामले में जानकारी देते हुए कहा कि “हमारी टीम ने दस्तावेज़ मांगे। जब यह स्पष्ट हो गया कि वे भारतीय हैं, तो हमने उन्हें जाने दिया। पुलिस टीम के साथ कोई तीसरा व्यक्ति नहीं था। हमारे पास वीडियो फ़ुटेज है।” वहीं अब इस मामले में एआईएमआईएम प्रमुख Asaduddin Owaisi ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

नागरिकता का सबूत मांगने पर भड़क उठे Asaduddin Owaisi

मामले को तूल पकड़ता देख एआईएमआईएम प्रमुख Asaduddin Owaisi ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “गुंडों के एक समूह ने एक पूर्व सैनिक को घसीटकर पुलिस के पास पहुँचाया। गुंडों को गिरफ्तार करने के बजाय, पुलिस ने उन्हें अपमानित किया और उनकी नागरिकता साबित करने के बाद ही उन्हें रिहा किया।

पुलिस बिना किसी ठोस आधार के लोगों को हिरासत में नहीं ले सकती या उनकी नागरिकता का प्रमाण नहीं मांग सकती। “अवैध प्रवासियों” को लेकर यह भ्रम आम लोगों को ही परेशान करेगा। दस्तावेज़ों का अभाव नागरिकता को रद्द नहीं करता। जय जवान”!

असदुद्दीन ओवैसी के ट्वीट पर यूजर्स ने दी प्रतिक्रिया

बता दें कि Asaduddin Owaisi के ट्वीट के बाद अब यूजर्स भी जमकर इसपर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है, एक यूजर ने लिखा कि

“और करो मोदी प्रोपेगंडा” वहीं एक दूसरे यूजर ने लिखा कि “महाराष्ट्र पुलिस का यह व्यवहार शर्मनाक है”। एक और दूसरे यूजर ने लिखा कि

“महाराष्ट्र पुलिस का यह व्यवहार शर्मनाक है”। वहीं एक और यूजर ने लिखा कि

“कारगिल में भारत के लिए लड़ा, लेकिन फिर भी उसे यह साबित करने के लिए कहा गया कि वह भारतीय है”? गौरतलब है कि इस घटना के बाद से ही एक अलग तरह की बहस छीड़ गई है।

Exit mobile version