Muhammad Yunus: अंतरिम सरकार सेना से खटपट की खबरों के बीच चारो तरफ से घिर गई है। जहां एक ओर यूनुस अंदरखाने विरोधी स्वर का सामना कर रहे हैं। वहीं अब अंतर्राष्ट्रीय फोरम पर भी उनकी खूब थू-थू हो रही है। मुहम्मद यूनुस ने खुद ही एक ऐसी सच्चाई स्वीकार ली है जिसके बाद कयासों का दौर शुरू है। Muhammad Yunus ने पीएम मोदी से हुई मुलाकात का जिक्र किया है। एक साक्षात्कार के दौरान बांग्लादेशी अंतरिम सरकार के मुखिया ने बताया कि PM Modi ने शेख हसीना से जुड़े मुद्दे पर उन्हें करारा जवाब दिया था। दरअसल, बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने भारत का शरण लिया और यहीं से यूनुस सरकार की नीतियों की आलोचना करती रहीं। यही बातें मुहम्मद यूनुस को खटक रही हैं।
शेख हसीना से जुड़े मुद्दे पर PM Modi ने Muhammad Yunus को सुनाई थी खरी-खरी!
बगैर किसी लाग लपेट के भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुहम्मद यूनुस को जमकर सुनाया था। दरअसल, पीएम मोदी ने यूनुस से मुलाकात के दौरान शेख हसीना से जुड़े मुद्दे पर अपना पक्ष रखा था। चैथम हाउस में आयोजित एक साक्षात्कार के दौरान मुहम्मद यूनुस ने इसका खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि “जब मैं PM Modi से मिला तो मैंने उनसे शेख हसीना को बोलने से रोकने के लिए कहा। इसका जवाब देते हुए मोदी ने कहा था कि यह सोशल मीडिया है, हम इसे नियंत्रित नहीं कर सकते।” पीएम मोदी के इस जवाब का आशय साफ था कि वे Muhammad Yunus के प्रस्ताव या वार्ता में दिलचस्पी नहीं रखते हैं। भारतीय प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर अपना पक्ष रखते हुए अपनी नीतियां स्पष्ट कर दीं।
क्या मुहम्मद यूनुस एक विफल नेता हैं?
इस मामूली से सवाल का जवाब बहुत तार्किक और गहरा है। सोचिए आखिर क्यों Muhammad Yunus को पीएम मोदी से दरख्वास्त करनी पड़ी थी। ऐसा क्या हुआ कि मुहम्मद यूनुस शेख हसीना की बातचीत और बयानबाजी पर प्रतिबंध लगाने की बात करने लगें? क्या मुहम्मद यूनुस एक विफल नेता हैं जो दामनकारी नीतियों के तहत बांग्लादेशी आवाम पर शासन करनी की इंचछा रखते हैं। ये तमाम सवाल हैं जो यूनुस की कलई खोल रहे हैं और उनके मंसूबों को बेनकाब कर रहे हैं।