PM Modi Cyprus Visit: तमाम खबरों के बीच आज पीएम मोदी के एक विदेश दौरे को प्रमुखता मिल रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी साइप्रस विजिट के दौरान मेजबाद देश के साथ द्विपक्षीय वार्ता कर सकते हैं। खबर है कि पीएम मोदी जब G-7 Summit का हिस्सा बनने कनाडा जाएंगे, उसी दौरान तुर्किए के जानी-दुश्मन साइप्रस का दौरा भी कर सकते हैं। PM Modi Cyprus Visit को लेकर अभी पीएमओ की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है। दावा किया जा रहा है कि यदि पीएम मोदी साइप्रस पहुंचे, तो निश्चित रूप से कट्टरपंथी रेचेप तैयप्प अर्दोआन की नकेल कसी जाएगी। पाकिस्तान के नए-नए हिमायती बने Turkey को साधने के लिए भारत की ये सधी चाल कितनी कारगर साबित होगी, ये जल्द ही स्पष्ट हो सकेगा।
जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान Turkey के जानी-दुश्मन को साधेगा भारत!
मालूम हो कि Cyprus उन देशों में शामिल है जो तुर्किए की ‘उत्तेजक’ कार्रवाइयों की भर-भरकर आलोचना करता रहा है। ग्रीक जलक्षेत्र में तेल और गैस की खोज करना हो या समुद्री क्षेत्र में ड्रिलिंग, इन दोनों प्रकरण को लेकर राष्ट्रपति रेचेप तैयप्प अर्दोआन को Cyprus को विरोध झेलना पड़ा है। PM Modi Cyprus Visit ऐसे समय में एक बड़ा कुटनीतिक दौरा हो सकता है। दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी साइप्रस विजिट के दौरान मुल्क के जानी-दुश्मन Turkey को निशाने पर ले सकते हैं। ऐसी स्थिति में भारत तुर्किए के जानी-दुश्मन साइप्रस को साधकर राष्ट्रपति अर्दोआन का रास्ता मुश्किल कर सकता है।
क्यों अहम है PM Modi Cyprus Visit?
इसको लेकर कई तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। याद कीजिए कैसे तुर्किए ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाए थे। उस समय पाकिस्तान का नया-नया हिमायती बनकर तुर्किए ने पड़ोसी मुल्क को हथियार तक उपलब्ध कराए थे। यही वजह है कि भारत में Turkey Boycott का ट्रेंड चला और अर्दोआन की हेकड़ी निकली थी। इसके बाद PM Modi Cyprus Visit का शेड्यूल अर्दोआन की ताबूत में कील है। तुर्किए के विरोधियों को लामबंद कर भारत अर्दोआन को उन्हीं के बिछाए जाल में फंसाएगा और उन्हें सबक सिखाएगा। यही वजह है कि पीएम मोदी साइप्रस विजिट को खास बताया जा रहा है। फिलहाल इस दौरे की आधिकारिक पुष्टि को लेकर इंतजार है।