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हनुमंत कथा की सफलता से गदगद Baba Bageshwar Dham, पटना से जाते-जाते फिर कह गए बड़ी बात

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Baba Bageshwar Dham: बाबा बागेश्वरधाम आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ( Acharya Dhirendra Krishna Shashtri )का पटना के नौबतपुर में 5 दिवसीय हनुमंत कथा का आयोजन कल 17 मई 2023 को संपन्न हो गया। कथा के भारी जनसमर्थन के साथ सफल समापन से उत्साहित आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ( Acharya Dhirendra Krishna Shashtri ) ने उद्घोष किया कि उनका हिंदू राष्ट्र के बनाने का सपना बिहार ही पूरा करेगा। उन्होंने पटना से विदा होते समय कहा कि बिहार बहुत प्यारा है, अद्भुत है और उन्हें बहुत अच्छा लगा। आश्चर्य चकित हो बाबा बागेश्वर ने अनुभव को व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह की बिहार की भक्तों का उनको प्यार मिला और राजनीति भी हुई, शायद ही किसी राज्य में अब तक मिला है।

बिहार से सपना पूरा होने की उम्मीद

आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ( Acharya Dhirendra Krishna Shashtri ) अपने हर कथा आयोजन में हिंदू राष्ट्र के सपने के संकल्प के साथ चल रहे हैं। जिस तरह से बिहार में अभूतपूर्व भक्तों का जनसैलाब उनकी कथा पंडाल और उसके बाहर उमड़ पड़ा। उससे उनकी कथा आयोजन से पहले आ रहे राजनीतिक बयानवीरों को अपनी चाल बदलने पर विवश कर दिया। उनके संकल्प का कहीं विरोध हो रहा तो कहीं भारी समर्थन के बीच बिहार और उसकी राजनीति बंट गई। उनके आने से पूर्व लालू के बेट तेज प्रताप ने जहां आचार्य को बिहार ने घुसन की धमकी दी थी तो बीजेपी ने भी खुलकर ताल ठोंक दी थी कि हिम्मत है तो आचार्य शास्त्री को गिरफ्तार करके दिखाओ। लेकिन 13-17 मई तक जिस तरह तरेत पाली मठ में भक्तों का जनसैलाब उमड़ा। आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को विश्वास हो गया कि उनके सपनों की स्थली बिहार ही है जो पूरा करेगा।

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बाबा के आगमन पर जमकर हुई राजनीति

बता दें बाबा बागेश्वरधाम (Baba Bageshwar Dham)के इस बिहार में हनुमंत कथा का आयोजन शुरू होने से पहले राजनीतिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो गया था। उनके आने से पहले राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई थी। सत्तापक्ष और विपक्ष अपने-अपने नफा-नुकसान को देखते हुए आमने-सामने हो गए थे। एक तरफ सत्ताधारी राजद-जेडीयू हिंदू-मुस्लिम को लेकर बाबा के आने पर चुनौती पेश कर रहे थे। तो भाजपा चाहती थी कि कार्यक्रम जबरदस्त सफल हो। यहां तक की सीएम नीतीश कुमार ने भी बाबा बागेश्वर धाम का विरोध जताते हुए उनके आयोजन पर सवाल खड़े कर कहा कि “हमको आश्चर्य होता है जो ऐसा बोलते हैं। क्या जरूरत है ऐसा बोलने की? यहां हिंदू-मुस्लिम सब है। सबको अपने ढंग से पूजा का अधिकार है। सब धर्म मानने का अधिकार है।”

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