रविवार, अक्टूबर 26, 2025
होमख़ास खबरेंBihar Assembly Election 2025: पलायन रोकना जुमला या सच्चाई! प्रशांत किशोर का...

Bihar Assembly Election 2025: पलायन रोकना जुमला या सच्चाई! प्रशांत किशोर का वादा क्या सच्च में है मुमकिन; समझे इसके मायने

Date:

Related stories

Bihar Assembly Election 2025: बिहार चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, पार्टियों के बीच वादे और जुबानी जंग तेज हो गई है। बता दें कि महागठबंधन औऱ एनडीए के अलावा इस बार एक नई पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अपनी किस्मत आजमाने जा रही है। इसी बीच प्रशांत किशोर लगातार यह दावा कर रहे है कि अगर उनकी सरकार आती है तो बिहार में मजदूरों का पलायन नहीं होगा, यही पर उनको नौकरी मिलेगी। हालांकि यह जितना कहना आसान है, उतना ही करना मुश्किल है, लाखों की संख्या में लोग बाहर मजदूरी करते है। आईए इस लेख के माध्यम से समझते है कि क्या इतना आसान है।

पलायन पर क्या बोले जनसुराज संस्थापक प्रशांत किशोर?

बिहार में पहले चरण के चुनाव को लेकर पार्टी तैयारियों में जुट गई है। आरोप, प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच प्रशांत किशोर ने बिहार से पलायन रोकने का मुद्दा एक बार फिर छेड़ दिया है। उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी में एक चुनावी रैली में प्रशांत किशोर ने कहा, “अगर आप जन सुराज के लिए वोट देंगे तो जो लोग छठ के लिए घर आए हैं, वे रोजगार के लिए बिहार से बाहर कभी नहीं जाएंगे। बिहार के युवा बिहार में ही रोजगार चाहते है। बिहार में जनता की सरकार बनने जा रही है।”

Bihar Assembly Election 2025 में पलायन रोकना जुमला या सच्चाई?

इस चुनाव में पलायन एक काफी अहम मुद्दा बनकर उभरा है, जिसे लेकर प्रशांत किशोर लगाताार यह दावा कर रहे है कि अगर जनसुराज की सरकार बनती है, तो बिहार से कोई भी लोग मजदूरी करने के लिए दूसरे राज्य में नही जाएगा, उन्हें यही पर रोजगार दिया जाएगा। हालांकि अगर जमीनी स्तर की बात करें तो बिहार से लाखों लोग काम के सिलसिले में अपना घर छोड़कर दूसरे राज्य में मजदूरी करने जाते है। अगर जनसुराज पार्टी की सरकार बन जाती है, तो भी इन्हें सरकार गठन औऱ बाकी प्रक्रिया को समझने में ही करीब 1 महीने लग जाएगा, इसके बाद पलायन पर एक प्लान तैयार होगा, जिसमे काफी समय लगने की उम्मीद है।

इसके बाद लाखों लोगों को एक साथ रोजगार देना भी एक मुश्किल काम लगता है। यानि अगर मोटा -मोटी समझे तो सरकार बनने के कुछ महीने तक सभी लोगों को बिहार में नौकरी देना थोड़ा मुश्किल है। हालांकि अब देखना होगा कि क्या सच में बिहार के लोग पलायन को लेकर प्रशांत किशोर को वोट देतेे है, या फिर यह केवल एक जुमला बनकर रह जाएगा।

Latest stories