Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। पहले चरण के लिए नामांकन की अंतिम तिथि शुक्रवार शाम समाप्त हो गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को तीन दिवसीय बिहार दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पटना स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की। दोनों नेताओं ने करीब 15 मिनट तक चुनावी रणनीति पर चर्चा की।
इन सबके बीच, भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के बयानों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर सस्पेंस और गहरा कर दिया है। क्या नीतीश कुमार अगले मुख्यमंत्री बनेंगे? यह भी अब संशय का विषय है। हालांकि, पिछले 20 सालों से बिहार की सत्ता नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द घूमती रही है। नीतीश कुमार 2005 से बिहार की सत्ता के शीर्ष पर हैं। 2014-15 के कुछ महीनों को छोड़कर, वह पिछले 20 सालों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। यह उनकी राजनीतिक ताकत को दर्शाता है। इसी वजह से नीतीश कुमार जिस भी राजनीतिक गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं, उसका सभी स्वागत करते हैं।
Bihar Assembly Election 2025: नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री क्यों बनेंगे?
गौरतलब है कि नीतीश कुमार बिहार की राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने अति पिछड़ों और महिला मतदाताओं का इतना बड़ा स्थिर वोट बैंक बनाया है कि एनडीए और महागठबंधन उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए आतुर रहे हैं। यह बात कल तब साफ़ तौर पर सामने आई जब केंद्रीय गृह मंत्री पटना पहुँचते ही सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पहुँच गए।
बिहार विधानसभा चुनाव 205: अमित शाह के बयान पर बढ़ी हलचल
इन सबके बीच अमित शाह के एक बयान ने जेडीयू में खलबली मचा दी है। दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर एक निजी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए अमित शाह ने कहा, “फ़िलहाल एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है। सिर्फ़ बीजेपी ही नहीं, बल्कि बिहार की जनता को भी नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा है। चुनाव के बाद विधायक दल तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा।” मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर यह बयान राजनीतिक गलियारों में आग की तरह फैल रहा है और आरजेडी के तेजस्वी यादव इस पर पैनी नज़र रखे हुए हैं। बहरहाल, 14 नवंबर को बिहार में सरकार किसकी बनेगी? अगर एनडीए चुनाव जीतता है, तो क्या नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे? या फिर वो पाला बदलकर अपना जनाधार मज़बूत करेंगे? इन सभी सवालों के जवाब अगले महीने 14 नवंबर को मिलेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: नीतीश कुमार के नाम सीएम पद की शपथ लेने का रिकॉर्ड
मालूम हो कि जेपी आंदोलन से निकले नीतीश कुमार की बिहार की सभी जातियों में मजबूत पहुंच है। बिहार की राजनीति पर उनका गहरा प्रभाव है। वह पहली बार 2000 में बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन बहुमत की कमी के कारण सात दिनों के भीतर इस्तीफा दे दिया। बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब नीतीश कुमार ने नवंबर 2005 में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2010 में वे तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। 2024 के लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और जीतनराम मांझी को प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बना दिया। हालांकि, 2015 में उन्होंने जीतन राम मांझी को हटाकर चौथी बार सीएम पद की शपथ ली।
फिर 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद वह महागठबंधन सरकार में पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन जुलाई 2017 में पद से इस्तीफा दे दिया। फिर अगले ही दिन बीजेपी के समर्थन से वे बिहार के छठी बार मुख्यमंत्री बन गए। 2020 में नीतीश कुमार एनडीए सरकार में सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने अगस्त 2022 में पद से इस्तीफा दे दिया और उसी दिन राजद के साथ गठबंधन करके आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद जनवरी 2024 में उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा के समर्थन से नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालाँकि, सबसे लंबे समय तक लगातार मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अभी भी बिहार के पहले सीएम डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के नाम है। उन्होंने लगातार 14 साल तक पद संभाला था। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की अपडेट्स के लिए डीएनपी इंडिया हिंदी पढ़ते रहें।