Bihar Assembly Election 2025: बिहार के सियासी हल्कों में मुस्लिम मतदाताओं को साधने की कवायद जारी है। एनडीए में शामिल जेडीयू भी इस कड़ी में मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2005 से 2025 तक अल्पसंख्यकों के लिए अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख किया है। सीएम नीतीश कुमार का आरोप है कि बिहार विधानसभा चुनाव के समय कुछ लोग अपने को मुस्लिम समुदाय का हितैषी बताने में जुट गए हैं।
यहां नीतीश कुमार का सीधा इशारा राजद की ओर है जो एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण के साथ मजबूती से बिहार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है। टिप्पणीकारों की मानें तो जेडीयू मुस्लिम मतदाताओं में सेंधमारी कर राजद का कुनबा बिखेरने को आतुर है। यही वजह है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले राजद व महागठबंधन खेमा में चिंता की लकीरें सामने आने का दावा है।
मुस्लिम मतदाताओं को साधने की कोशिश में जेडीयू! – Bihar Assembly Election 2025
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक्स हैंडल से एक पोस्ट जारी किया गया है कि जिसमें साफ तौर पर मुस्लिम समुदाय के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख है। सीएम नीतीश कुमार की इस पहल को मुस्लिम मतदाताओं को साधने की कवायद बताया जा रहा है।
नीतीश कुमार लिखते हैं कि “वर्ष 2005 से पहले राज्य में मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए कोई काम नहीं होता था। उससे पहले बिहार में जिन लोगों की सरकार थी उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया।” यहां साफ इशारा राजद पर है।
बिहार सीएम आगे लिखते हैं कि “24 नवंबर 2005 को जब हम लोगों की सरकार बनी तब से मुस्लिम समुदाय के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं।वर्ष 2025-26 में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बजट में 306 गुणा की वृद्धि करते हुए 1080.47 करोड़ रूपये बजट का प्रावधान किया गया है। साम्प्रदायिक घटनायें नहीं हो उसके लिये 2006 से संवेदनशील कब्रिस्तानों की घेराबंदी की गयी। अब तक 8000 से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गयी है।”
विपक्ष पर हमला बोलते हुए नीतीश कुमार का कहना है कि इनकी सरकार में भागलपुर जैसे दंगे होते थे। पहले हिन्दू-मुस्लिम झगड़ा होता था, अब आज कोई झगड़ा नहीं होता है। नीतीश कुमार ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे किसी भ्रम में न रहें। एनडीए सरकार ने जो उनके लिए काम किए हैं, उसे याद रखें और उसी आधार पर तय करें कि वोट किसे देना है।
नीतीश कुमार की सधी चाल से चिंता में राजद खेमा!
ये जगजाहिर है कि बिहार में मुसलमानों का ज्यादातर मत राजद खेमा को जाता है। लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव तक में मुस्लिम मतदाताओं ने राजद को प्राथमिकता दी है। ऐसी स्थिति में नीतीश कुमार की मुस्लिम समुदाय से की गई खास अपील राजद खेमा को चिंता में डाल सकती है। एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण के साथ राजद मजबूत होती है।
ऐसे में यदि नीतीश कुमार मुस्लिम मतदाताओं में सेंधमारी करने में कामयाब हुए, तो तेजस्वी यादव का कुनबा बिखर सकता है। इतना ही नहीं, जो लीड महागठबंधन को मुस्लिम मतदाताओं के साथ रहने पर मिलती है। नीतीश कुमार की चाल कामयाब होने पर वहां राजद को झटका लग सकता है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई अपील से तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन और दल में चिंता की लहर दौड़ने के आसार हैं।






