Bihar Assembly Election 2025: बिहार के सियासी हल्कों में हलचल तेज हो हई है। मतदान की तारीख नजदीक आते ही महागठबंधन के बीच जारी आंतरिक क्लेश खुलकर सामने आ रही है। ऐसा लग रहा है जैसे भानुमति का कुनबा बिखर ही जाएगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा की नाराजगी हो, या कांग्रेस-राजद का कुछ सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवारों को खड़ा करना।
ये प्रमुख तौर पर महागठबंधन के भीतर तालमेल की खमी को उजागर करता है। आंतरिक क्लेश की खबरें सामने आने के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या महागठबंधन खत्म होने के कगार पर खड़ा है? ऐसे में आइए हम आपको इन तमाम सवालों का जवाब देने की कोशिश करते हैं।
क्या खत्म के कगार पर खड़ा महागठबंधन? -Bihar Assembly Election 2025
इस सवाल को लेकर लोगों के मन में कई तरह के जवाब उपज रहे हैं। दरअसल, महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जारी खींचतान के बाद कुछ सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारना तमाम सवालों को जन्म दे रहा है। राजद द्वारा वैशाली में अजय कुशवाहा, लालगंज से शिवानी शुक्ला और कहलगांव में रजनीश भारती को कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ उतारना बिगड़े सामंजस्य को दर्शाता है।
कोई इसे फ्रेंडली फाइट करार दे रहा है, तो कोई तालमेल की कमी को जिम्मेदार बता रहा है। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा भी खुलकर अपने असंतोष प्रकट कर रही है। पार्टी प्रवक्ता सुदिव्य कुमार ने साफ तौर पर कहा है कि “जेएमएम झारखंड में कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन की समीक्षा करेगी और इस ‘अवहेलना’ का करारा जवाब देगी।”
मालूम हो कि महागठबंधन की ओर से जेएमएम को बिहार में एक भी सीट नहीं दी गई है, जिससे हेमंत सोरेन की पार्टी नाराज है। यही वजह है कि महागठबंधन के खात्मे को लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं।
चुनावी दौर में महागठबंधन के भीतर असंतोष
सीट शेयरिंग से लेकर अन्य तमाम मुद्दे पर महागठबंधन के भीतर भारी असंतोष है। जहां एक ओर राजद ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। वहीं कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कुछ ऐसी भी सीटें हैं जहां महागठबंधन के प्रत्याशी एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं।
सीमांचल में पप्पू यादव का बोलबाला साफ तौर पर देखा गया है, जो गाहे-बगाहे तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते नजर आते हैं। वहीं मुकेश सहनी भी असंतो, प्रकट करते हुए सीटों की संख्या से नाखुश नजर आए। यही वजह है कि भानुमति का कुनबा बिखरने की बात कही जा रही है और तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।