Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान तो नहीं हुआ है, लेकिन अभी से राज्य में चुनावी पारा सातवे आसमान पर है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है, और चुनावी रण ने अपने प्रतिद्वंदियों के खिलाफ कूद पड़े है। वहीं जो नाम अभी सबसेे ज्यादा चर्चा में बना हुआ है, वह है Prashant Kishor, गौरतलब है कि प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतिकार रह चुके है, और उन्होंने सत्ता को बहुत करीब से देखी है। बिहार में एक चीज जो सबसे चर्चा का विषय बना हुआ है, वह है 20 हजार का परिवार लाभ कार्ड, जी हां आपने सही सुना, प्रशांत किशोर अपनी जनसभा में लोगों को कार्ड दे रहे है, उसका नाम है परिवार लाभ कार्ड, चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी। वहीं Bihar Election 2025 को लेकर जुबानी जंग भी शुरू हो चुकी है।
क्या है 20 हजार रुपये का परिवार लाभ कार्ड?
मालूम हो कि Prashant Kishor राजनेता होने के साथ-साथ एक चुनावी रणनीतिकार भी हैं। वहीं बखूबी जानते है कि कैसे लोगों को लुभाना है। बिहार में अभी जगह-जगह जन स्वराज पार्टी की तरफ से एक किट मिल सकता है जिसमें लिखा हुआ है सही लोग सही सोच सामूहिक प्रयास इस बार वोट सिर्फ अपने बच्चों के लिए शिक्षा और रोजगार के लिए जन स्वराज इस नवंबर से हर महीने 20000 तक का लाभ पाने के लिए स्कूल का बस्ता चुनाव चिन्ह पर बटन दबाएं जन स्वराज को विजय बनाएं। सबसे खास बात है कि इस किट में एटीएम की तरह एक कार्ड दिया जाता है। कार्ड के नीचे लिखा हुआ है परिवार लाभ कार्ड हर परिवार की 20 हजार तक बचत, हालांकि इसमे 20 हजार रूपये देने की बात नहीं कही गई है। कार्ड में दिए गए लाभ कुछ इस प्रकार है।
- बिहार में ही युवाओं के लिए रोजी-रोजगार की गारंटी – 12000 रूपये
- बुजुर्गों, दिव्यांगों, विधवाओं को प्रतिमाह 2 हजार पेंशन – 2000
- महिलाओं को 4 प्रतिशत सालाना ब्याज पर 5 लाख तक का लोन – 2500
- 15 साल तक के हर गरीब बच्चे के लिए मुफ्त बेहतर शिक्षा – 1000
- नकदी फसलों की खेती के लिए मजदूरों की मुफ्त व्यवस्थ- 2500
क्या Prashant Kishor बदल देंगे बिहार राजनीति
यह किट कुछ उसी प्रकार है, जो 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की तरफ से 8500 रूपये देने का वादा किया गया था। गौरतलब है कि Bihar Election 2025 की तारीख के ऐलान से पहले ही Prashant Kishor बिहार का भ्रमण कर रहे है, और उनकी जनसभाओं में भारी भीड़ देखने को मिल रही है, हालांकि यह भीड़ वोट में कितनी तब्दील होती है, वह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन अगर प्रशांत किशोर का ये आइडिया काम करता है और उनकी जन स्वराज पार्टी को बिहार चुनाव में सीटें मिलती है, तो ये किसी मास्ट्रोक से कम नहीं होगा। हालांकि अब देखना दिलचस्प होगा कि जब बीजेपी और आरजेडी मैदान में उतरती है, तो प्रशांत किशोर किस तरह अपनी चुनावी जनसभाओं को आगे बढ़ाते है।