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Bihar Politics: फ्रंटफुट पर बीजेपी! नीतीश कुमार ने छोड़ा गृह मंत्रालय, 10वीं बार CM बने सुशासन बाबू और जेडीयू के लिए इस बदलाव के मायने क्या?

Bihar Politics: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों से पहली बार गृह मंत्रालय निकला है जो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना है। गृह मंत्रालय का जेडीयू से निकलकर बीजेपी की झोली में जाना नई सरकार में बीजेपी के प्रभुत्व को दर्शाता है।

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Picture Credit: गूगल (सम्राट चौधरी & नीतीश कुमार - सांकेतिक तस्वीर)

Bihar Politics: बिहार में नीतीश कुमार अब मुखौटा मात्र रह गए हैं। सत्ता की कुंजी तो बीजेपी के पास है। ऐसा कहना है कि तमाम उन टिप्पणीकारों का जो दशकों से बिहार की राजनीति पर बारीक नजर रखते आए हैं। पूरा मामला एक महकमा के हेर-फेर से जुड़ा है जिसने बिहार पॉलिटिक्स में हलचल मचा दी है। दरअसल, नीतीश कुमार ने स्वत: ही गृह मंत्रालय बीजेपी के झोली में डाल दिया है। आलम ये है कि सबसे अहम विभाग लेकर बीजेपी बिहार में फ्रंटफुट पर है।

इससे इतर स्वास्थ्य, वित्त, लोक निर्माण विभाग,कृषि, राजस्व के भू-तत्व समेत अन्य कई विभाग लेकर बीजेपी ने मजबूती से सत्ता पर अपनी पकड़ रखी है। बिहार पॉलिटिक्स में हुए इस अहम बदलाव के कई मायने बताए जा रहे हैं। 10वीं बार सीएम बने नीतीश कुमार का गृह विभाग छोड़ना बड़ा संदेश माना जा रहा है। दो दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है जब नीतीश कुमार के हाथों से गृह मंत्रालय निकला है। ऐसे में हम आपको इस बदलाव के मायने बताने की कोशिश करेंगे।

जेडीयू के कोटे से निकले गृह विभाग के मायने क्या?

किसी भी राज्य के लिए गृह मंत्रालय सबसे अहम महकमा माना जाता है जो अमूमन मुख्यमंत्री अपने पास रखते हैं। यूपी से लेकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान तक यही देखने को मिला है। बिहार में भी पहले ऐसा ही हुआ करता था। हालांकि, नई सरकार के गठन के तहत गृह मंत्रालय जेडीयू के कोटे से निकलकर बीजेपी की झोली में चला गया है। दो दशकों में पहली बार हुआ है जब नीतीश कुमार के हाथों में गृह मंत्रालय नहीं है और इसकी कमान सम्राट चौधरी संभाल रहे हैं।

इसका आशय साफ है कि नई सरकार पर बीजेपी की पकड़ ज्यादा मजबूत है। नीतीश कुमार के हिस्से से गृह मंत्रालय का जाना साफ तौर पर सत्ता पर उनकी पकड़ कमजोर होने का संकेत है। वहीं लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य, राजस्व एवं भूमि सुधार, विधि, ऊर्जा, श्रम संसाधन, आपदा प्रबंधन जैसे अहम विभाग लेकर बीजेपी ने अच्छी बार्गेनिंग कर ली है। अब आशय साफ है कि नई सरकार में मुख्यमंत्री भले ही नीतीश कुमार हैं, लेकिन सत्ता में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में है।

नई सरकार के गठन के बाद बिहार में फ्रंटफुट पर बीजेपी!

बिहार में 89 विधायकों के साथ सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनकर उभरने वाली बीजेपी सत्ता में भी फ्रंटफुट से मोर्चा संभाल रही है। इसका असर मंत्रालयों के बंटवारा और मंत्रियों की संख्या में भी नजर आया है। कुल 26 मंत्रियों में से 14 बीजेपी विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। वहीं गृह, राजस्व एवं भूमि सुधार, स्वास्थ्य, विधि, ऊर्जा, उद्योग, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास, पर्यटन और श्रम संसाधन जैसे अहम विभाग बीजेपी के हिस्से आए हैं। ये दर्शाता है कि सर्वाधिक विधायकों के साथ सत्ता में पहुंची बीजेपी अब बिहार में फ्रंटफुट से राजनीति कर रही है।

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