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Nitish Kumar की कैबिनेट में बीजेपी का बोलबाला! क्या चिराग पासवान के सहारे जेडीयू को न्यूट्रल करने की हो सकती है कोशिश? बदले समीकरण से उठे सवाल

मुख्यमंत्री Nitish Kumar के नेतृत्व वाली बिहार सरकार की नई कैबिनेट में बीजेपी का बोलबाला नजर आया है। चिराग पासवान की लोजपा (आरवी) भी नई सरकार में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। यही वजह है कि बदले समीकरण के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

Nitish Kumar
Picture Credit: गूगल (नीतीश कुमार & चिराग पासवान - सांकेतिक तस्वीर)

Nitish Kumar: पटना के गांधी मैदान में हुए ऐतिहासिक शपथ ग्रहण के बाद बिहार की नई सरकार एक फिर जनता से किए गए वादों को पूरा करने में जुट गई है। नई सरकार के गठन में कुल 26 मंत्रियों ने शपथ ली है जिसमें बीजेपी का बोलबाला नजर आया है। सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, मंगल पांडे के साथ बीजेपी के कुल 14 विधायक नीतीश कुमार की कैबिनेट का हिस्सा बने हैं। वहीं 85 विधायकों वाली जेडीयू से 8 मंत्री और नीतीश कुमार सीएम बने हैं।

सबसे अहम है चिराग पासवान की भूमिका जिनके खेमे से 19 विधायकों में से दो को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। इस बदले समीकरण को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या चिराग पासवान के सहारे जेडीयू को न्यूट्रल करने की कोशिश हो सकती है? क्या नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले नए मंत्रिमंडल में आने वाले दिनों में असंतोष पनप सकता है? हाल-फिलहाल तो एनडीए एकजुट है और ऐसा होने की आशंका न के बराबर है। लेकिन फिर भी कुछ सवाल उठ रहे हैं जिसका जवाब ढूंढ़ने की कोशिश की जाएगी।

सीएम Nitish Kumar की कैबिनेट में बीजेपी का बोलबाला!

बिहार की नई कैबिनेट में बीजेपी का बोलबाला साफ तौर पर नजर आ रहा है। 89 विधायकों वाली बीजेपी के 14 विधानसभा सदस्य मंत्री बने हैं। ये संख्या कुल मंत्रियों की 50 फीसदी से अधिक है। बीजेपी की ओर से सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, दिलीप जायसवाल, मंगल पांडे, रामकृपाल यादव, नीतिन नवीन, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद, सुरेंद्र मेहता, नारायण प्रसाद, रमा निषाद, लखेंद्र सिंह रौशन, श्रेयसी सिंह और प्रमोद कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली है।

वहीं जेडीयू खेमा से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ विजय चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेशी सिंह, मदन सहनी, सुनील कुमार और मोहम्मद जमा ख़ान ने शपथ ली है। चिराग पासवान कोटे से संजय कुमार और संजय कुमार सिंह मंत्री बने हैं। जबकि हम और आरएलएम से क्रमश: संतोष सुमन और दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया गया है। मंत्रिमंडल का ये गठन साफ तौर पर एनडीए में सर्वाधिक सीट जीतने वाली बीजेपी के दबदबे को दर्शाता है।

क्या चिराग पासवान के सहारे जेडीयू को न्यूट्रल करने की हो सकती है कोशिश?

नीतीश कुमार के लिए अगले पांच वर्ष तक सरकार चलाना बेहद चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है। 85 विधायकों वाली जेडीयू में महत्वकांक्षा जैसे-जैसे बढ़ेगी, सरकार में असंतोष उतना ही पनप सकता है। इस बार बीजेपी भी 89 विधायकों के साथ मजबूत स्थिति में है जिसको लेकर सामंजस्य स्थापित करना चुनौती हो सकती है। बिहार में चिराग पासवान का बढ़ता कद भी नीतीश कुमार के लिए चुनौतीपूर्ण है। कभी नीतीश कुमार के धुर-विरोधी रहे चिराग पासवान बीते दिनों अपनी ही सरकार पर सवाल उठा चुके हैं। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि चिराग पासवान के सहारे जेडीयू को नई सरकार में न्यूट्रल रखने की कोशिश हो सकती है।

दरअसल, नई सरकार से लोगों को ढ़ेर सारी उम्मीदे हैं। बात चाहें करोड़ों युवाओं को रोजगार देने की हो, बिजली बिजल माफ करने की हो, जीविका दीदियों को मदद मुहैया कराने की हो या अन्य कई वादे। नीतीश कुमार के लिए ये सभी चुनौती बनेंगे। शराबबंदी के कारण पहले ही राजस्व के मामले में दब रही बिहार सरकार के लिए इन वादों को पूरा करना आसान नहीं होगा। फिलहाल ये देखान दिलचस्प होगा कि चिराग पासवान बिहार की इस नई सरकार में क्या भूमिका निभाते हैं और नीतीश कुमार की कार्यशैली कैसी रहती है।

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