Zameer Ahmed: दक्षिण भारत की राजनीति में फिर एक बार खलबली मची है। इसका प्रमुख कारण है कथित रूप से नेता और पुलिस की सांठ-गांठ से जुड़ा मामला। खबरों की मानें तो सीएम सिद्धारमैया की कैबिनेट में मंत्री जमीर अहमद ने पुलिस से अपने रिश्तेदारों को मदद करने की बात कही।
मंत्री जमीर अहमद और पेरेसांद्रा थाने में तैनात पुलिस अफसर जगदीश रेड्डी के बीच कथित रूप से हुई वार्तालाप का ऑडियो क्लिप अब सोशल मीडिया पर वायरल है। मामला मंत्री से जुड़े होने के कारण हाई प्रोफाइल होता नजर आ रहा है और जमीर अहमद की पहल सुर्खियों में है। राजनीतिक गलियारों में भी कथित रूप से वायरल हो रहे ऑडियो को लेकर प्रतिक्रिया का दौर शुरू है।
रिश्तेदारों तक मदद पहुंचाने के लिए मंत्री Zameer Ahmed की पहल!
कथित रूप से कर्नाटक सरकार के मंत्री जमीर अहमद और एक पुलिस अफसर का ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। दावे के मुताबिक सिद्धारमैया सरकार के मंत्री अपने रिश्तेदार अकबर पाशा के पक्ष में पैरवी की बात कर रहे हैं। मामला किसानों को दिए जाने वाले रकम से जुड़ा है।
इस पूरे प्रकरण में मंत्री जमीर अहमद कहते हैं कि “अकबर पाशा मेरा रिश्तेदार है। मैंने सुना है कि उसे किसी वित्तीय मामले में लाया गया है। उसने पैसे लिए थे यह सच है लेकिन जिस तरह का दावा किया जा रहा है वैसा नहीं है। उसकी मदद करो भाई। वह हमारे लिए महत्वपूर्ण इंसान है। क्या किया जा सकता है?”
मंत्री कथित रूप से पुलिसकर्मी को दबाव देकर कहते हैं कि “हां, यह सच है। पैसे देने होंगे लेकिन रकम उतनी ज्यादा नहीं है जितनी शिकायत में बताई गई है, उन्हें एक मौका दीजिए।” हालांकि, ऑडियो क्लिप की प्रमाणिकता सत्यापित नहीं की जा सकती। इसके बाद ठीक है, ठीक है के साथ फोन कट जाता है। अब ये पूरा प्रकरण तेजी से सुर्खियां बटोर रहा है।
ऑडियो क्लिप को लेकर सूबे में सियासी संग्राम
मालूम हो कि पूरा प्रकरण कथित रूप से किसानों को मक्का खरीद की भुगतान से जुड़ा है। आरोप है कि हैदराबाद के ट्रेडर्स अब्दुल रजाक, अकबर पाशा और नसीर अहमद ने स्थानीय किसानों के साथ भुगतान में गड़बड़ी की है जिसको लेकर मामला दर्ज है। इसी क्रम में कथित रूप से मंत्री जमीर अहमद द्वारा पुलिस से संपर्क साधने और अपने रिश्तेदारों को मदद पहुंचाने का जिक्र है। इसको लेकर कर्नाटक में सियासी संग्राम छिड़ा है और विपक्ष सिद्धारमैया सरकार को घेर रहा है।






