Thursday, December 12, 2024
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शिक्षित, जागरुक होने के बाद भी बूथ तक नहीं पहुंच रहे वोटर्स! Jharkhand के मुकाबले Maharashtra में कम मतदान के मायने क्या?

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Maharashtra Election 2024: देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई शहर में मतदान कम होना चिंता का विषय है। मुंबई के अलावा विदर्भ, कोंकण, मराठवाड़ा समेत महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में सुस्ती नजर आ रही है। इन दांवों को मिल रहा है चुनाव आयोग की ओर से पेश किए गए आंकड़ों से। दरअसल, चुनाव आयोग की ओर से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Election 2024) के लिए जारी मतदान के आंकड़े लगातार अपडेट किए जा रहे हैं। इसके तहत दोपहर 1 बजे तक महाराष्ट्र में 32.18 फीसदी मतदान होने की खबर है।

मतदान प्रतिशत (Voting Percentage) के ये आंकड़े झारखंड से भी कम हैं। झारखंड में दोपहर 1 बजे तक 47.92 फीसदी मतदान हुआ है। सवाल ये है कि महाराष्ट्र चुनाव (Maharashtra Election) में शिक्षित और जागरुक होने के बावजूद मतदाता अपने घरों से क्यों नहीं निकल रहे? मतदाताओं में सुस्ती का कारण क्या है? ऐसे में आइए हम आपको सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करते हैं।

Maharashtra Election 2024- शिक्षित, जागरुक होने के बाद भी बूथ तक क्यों नहीं पहुंच रहे वोटर्स?

महाराष्ट्र की 60 फीसदी से ज्यादा आबादी की जीवनशैली सामान्य लोगों से भिन्न होती है। महाराष्ट्र में रहने वाले लोग आम तौर पर शिक्षित और जागरुक बताए जाते हैं। हालांकि, शिक्षित और जागरुक होने के बावजूद भी मतादातओं का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Election 2024) में खुल कर हिस्सा न लेना कई संभावनाओं की ओर संकेत दे रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि वोटर्स पोलिंग बूथ तक क्यों नहीं पहुंच रहे हैं?

बता दें कि पिछले 5 वर्षों में महाराष्ट्र की सियासत में अप्रत्याशित घटनाएं देखने को मिली। इन राजनीतिक घटनाक्रमों ने मतादातओं के समक्ष कई सवालों को जन्म दे दिया। 2019 विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने शिवसेना (अविभाजित) और बीजेपी के पक्ष में जनादेश दिया था। हालांकि, तमाम अन-बन के बाद शिवसेना ने बीजेपी का साथ छोड़ कांग्रेस और एनसीपी (अविभाजित) के साथ सरकार बनाया। इस दौरान उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) मुख्यमंत्री बने।

दूसरा घटनाक्रम जून 2022 में हुआ। इस दौरान शिवसेना में बगावत हुई। तब की उद्धव सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) 41 विधायकों को लेकर बीजेपी के साथ चले गए। इसके बाद शिवसेना दो गुटों (शिवसेना-शिंदे और शिवसेना-UBT) में बंट गई। एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिल कर सरकार बनाई। इस सरकार में अजित पवार (Ajit Pawar) भी शामिल हुए जिन्होंने अपने चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) से बगावत किया था।

सियासी टिप्पणीकारों की मानें तो इन तमाम अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रमों के बाद महाराष्ट्र की जनता में एक हताशा का माहौल है। कहा जा रहा है कि जनता अपना जनादेश किसी अन्य गठबंधन को देगी और बाद में सरकार में कोई और आ जाएगा। यही वजह है कि मतदान की रफ्तार थोड़ी थमी है और मतदाता शिक्षित और जागरुक होने के बावजूद पोलिंग बुथ तक पहुंचने से हिचक रहे हैं।

Maharashtra में कम मतदान के मायने क्या?

महाराष्ट्र में मतदान प्रतिशत (Voting Percentage in Maharashtra) का कम होना कई संभावनाओं की ओर इशारा कर रहा है। टिप्पणीकारों की मानें तो मतदान का घटना जनता की दिलचस्पी से भी जुड़ा है। महाराष्ट्र में हुए अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम के बाद मतदाताओं में एक रोष और निराशा का भाव हो सकता है। यही वजह है कि वोटर्स अपने घरों से निकलने से पहले सोच रहे हैं। मतदान प्रतिशत (Maharashtra Voting) का कम होना ये भी दर्शाता है कि महाराष्ट्र की जनता अप्रत्याशित घटनाओं के बाद निराश है। राजनेताओं को इस बात का ख्याल रखना होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगे।

Jharkhand Assembly Election 2024- दूसरे चरण में मतदान के आंकड़े क्या?

झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2024) के लिए दूसरे चरण का मतदान जारी है। इस दौरान राज्य की 38 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक राज्य में दोपहर 1 बजे तक कुल 47.92 फीसदी मतदान हुआ है। जिला के हिसाब से देखें तो दोपहर 1 बजे तक गोड्डा में 33.39 फीसदी, दुमका में 33.05 फीसदी, देवघर में 32.84 फीसदी, गिरिडीह में 31.56 फीसदी, हजारीबाग में 31.04 फीसदी और धनबाद में 28.02 फीसदी मतदान हुआ है। झारखंड विधानसभा चुनाव में मतदाता लगातार बढ़-चढ़कर लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा ले रहे हैं।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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