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Humayun Kabir: बीजेपी का सख्त रुख, राज्यपाल की टिप्पणी! कैसे बाबरी की नींव रखने जा रहे टीएमसी MLA पर कार्रवाई को मजबूर हुईं ममता बनर्जी?

अंदरखाने से उठ रही आवाज और भारी विरोध के बीच टीएमसी ने अपने विधायक Humayun Kabir को सस्पेंड कर दिया है। हुमायूं कबीर वही शख्स हैं जिन्होंने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में नई बाबरी मस्जिद की नींव रखने की बात कही थी।

Humayun Kabir
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Humayun Kabir: बंगाल से हटकर देश के विभिन्न सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन चुके टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर पर गाज गिर गई है। पूरा मामला विधायक की सस्पेंशन से जुड़ा है। समय की मांग कहें या बदलता समीकरण, ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के इस विधायक को सस्पेंड करने का फैसला लिया है। ये फैसला नई बाबरी मस्जिद के निर्माण शुरू होने से ठीक पहले लिया गया है।

सवाल है कि क्या टीएमसी बीजेपी के सख्त रुख और राज्यपाल की टिप्पणी से तंग आकर ये कदम उठाने पर मजबूर हुई? मुर्शिदाबाद के साथ तमाम मुस्लिम बहुल जिलों में लोकप्रिय विधायक हुमायूं कबीर को सस्पेंड करने की वजह क्या हो सकती है? इससे इतर भी कुछ सवाल हैं जिनका जवाब ढूंढ़ने की कोशिश की जाएगी।

कैसे बाबरी की नींव रखने जा रहे Humayun Kabir पर कार्रवाई को मजबूर हुईं ममता बनर्जी?

पहले का समीकरण बिल्कुल अलग था। जब हुमायूं कबीर ने ऐलान किया कि मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में नई बाबरी मस्जिद बनाए जाएगी, तो टीएमसी चुप अवस्था में थी। टीएमसी विधायक के इस रुख को लेकर बीजेपी तल्ख हो गई। सुवेंदु अधिकारी, सुकांत मजूमदार समेत कई बीजेपी नेताओं ने ममता बनर्जी को निशाने पर लिया।

बंगाल राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी प्रशासन को कानून-व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश दिए। इन सबके बीच ममता बनर्जी की चुप्पी सभी को काट रही थी। अंतत: हुमायूं कबीर के ऐलान से बंगाल में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने की संभावना जताई गई जिसके बाद ममता बनर्जी ने एक्शन लिया। इसी क्रम में आज 4 दिसंबर को हुमायूं कबीर के टीएमसी से सस्पेंशन का पत्र जारी हो गया है।

हुमायूं कबीर के विवाद को लेकर बैकफुट पर टीएमसी!

अपने विवादित विधायक के कृत्यों के कारण टीएमसी बैकफुट पर आ गई थी। सबसे पहले हुमायूं कबीर का 6 दिसंबर को नई बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए नींव रखने का ऐलान टीएमसी के लिए सिरदर्द बना। इस ऐलान के बाद बीजेपी के साथ वाम दलों ने भी टीएमसी की विचारधारा पर प्रश्नचिन्ह लगाए। इसके बाद विधायक हुमायूं कबीर का उलुल-जुलूल बयान देते हुए हाईवे ब्लॉक करने की धमकी देना टीएमसी को भारी पड़ा।

इतना ही नहीं हुमायूं अकबर ने ममता बनर्जी सरकार को लगभग चेताते हुए बाबरी निर्माण की कसम खा ली थी। इससे विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी और वाम दलों ने सत्तारुढ़ टीएमसी पर जोरदार प्रहार किया। ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने के आरोप भी लगे। अंतत: टीएमसी ने खुद को इस विवाद से अलग करते हुए हुमायूं कबीर को पार्टी से निष्कासित किया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि 6 दिसंबर को नई बाबरी मस्जिद निर्माण की नींव रखने का ऐलान करने वाले बागी विधायक आगे क्या रुख अपनाते हैं।

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