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‘वक्फ बिल बहाना, मक्सद काफिरों को मिटाना..,’ Murshidabad Violence पर Raja Bhaiya का प्रहार; मुसलमानों के साथ विपक्ष को भी लताड़ा

धाकड़ अंदाज के लिए छाप छोड़ चुके विधायक राजा भैया ने Murshidabad Violence का जिक्र करते हुए विपक्ष और अल्पसंख्यक समुदाय को निशाने पर लिया है। Raja Bhaiya ने एक-एक कर कलई खोलते हुए मुर्शिदाबाद हिंसा का जिक्र किया है और असुरक्षित माहौल पर चिंता व्यक्त की है।

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Murshidabad Violence
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Murshidabad Violence: हिंसा की आग कितनी तेजी से फैलती है इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है। कैसे विदेशों में होने वाली हिंसात्मक घटनाएं चंद मिनटों में गली-गली में गूंज उठती हैं, ये सभी ने देखा है। ऐसे में जब भारत में ही हिंसा तो भला कैसे उसकी देशव्यापी चर्चा नहीं होगी। इस भूमिका को पढ़ आप समझ गए होंगे कि हम आगे मुर्शिदाबाद वायलेंस पर चर्चा करने वाले हैं। दरअसल, फायरब्रांड नेता रघुराज प्रताफ सिंह उर्फ राजा भैया ने Murshidabad Violence का जिक्र करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय को निशाने पर लिया है। निर्दलीय विधायक Raja Bhaiya ने इसके साथ ही विपक्ष को भी लताड़ा है जिनकी हलक ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल में हुई भीषण हिंसा पर सूख सी गई है। मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर राजा भैया ने कहा है कि ‘वक्फ बिल तो बस बहाना है, मक्सद काफिरों को मिटाना है।’

Murshidabad Violence पर Raja Bhaiya का धमाकेदार प्रहार!

फायरब्रांड पॉलिटिशियन राजा भैया ने अपने अलग अंदाज में मुर्शिदाबाद वायलेंस का जिक्र कर निशाना साधा है। Raja Bhaiya के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “ये सर्वविदित है कि बिल संसद में पास होने के बाद धरा का कानून बन जाता है। आज वक़्फ़ के समर्थन और विरोध में देश के सारे राजनैतिक दल और विचारधाराएं दो धड़े में बटी हुई हैं। पक्ष हो या विपक्ष इतना तो सभी मानेंगे कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जिन पिता पुत्र कि हत्या की गयी, जिनके घर, दुकानें जलायी गयीं, इतना ही नहीं जिन असंख्य हिन्दुओं को औरतों, बच्चों की जान और अस्मिता बचाने के लिए अपना घर, गांव छोड़कर पलायन करना पड़ा उनका वक़्फ़ संशोधन बिल से कोई लेना देना नहीं है। बिल के पास होने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। उनको तो ये भी पता नहीं होगा कि ये वक़्फ़ क्या बला है।”

राजा भैया Murshidabad Violence का जिक्र कर आगे कहते हैं कि “आखिर उनका दोष क्या था? मस्जिद के सामने ‘डीजे’ भी तो नहीं बजा रहे थे! वक्फ़ एक्ट का बहाना लेकर अल्पसंख्यकों ने अकारण बिना उकसाये जो सुनियोजित हिंसक हमला किया है, आख़िर हिन्दू कब तक और कहां तक भागेगा? बाबा साहब के संविधान में वक़्फ़ नाम का शब्द कभी था ही नहीं, न ही उनकी परिकल्पना में इसका कोई औचित्य था। हत्या, लूटपाट और बर्बरता काफ़िरों के साथ हो रही है। मारने के पहले किसी की जाति नहीं पूछी जा रही है। सबसे बड़ी विडंबना तो ये है कि पिछड़ों और दलितों के तथाकथित स्वयंभू नेताओं की इस पर मुंह खोलने की हिम्मत तक नहीं है।”

राजा भैया का खरी-खरी अंदाज में कहना है कि बिल तो बस बहाना है, मक़्सद काफिरो को मिटाना है। उनके इस टिप्पणी की चर्चा जोरों पर हो रही है।

मुर्शिदाबाद वायलेंस को लेकर चौतरफा घिरी ममता बनर्जी की सरकार

बीजेपी के अलावा अन्य तमाम राजनीतिक दल या मानवाधिकार संगठन हैं, जो बंगाल सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इसकी बड़ी वजह मुर्शिदाबाद में 10 अप्रैल को हुई हिंसा है। सुभेंदु अधिकारी से लेकर गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, सुकांत मजूमदार समेत अन्य तमाम ऐसे नेता हैं जिन्होंने Murshidabad Violence का ठिकरा ममता बनर्जी के सिर फोड़ा है। फिलहाल, मुर्शिदाबाद में स्थिति शांतिपूर्ण बताई जा रही हैं और पलायन को मजबूर हुए लोग वापस अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।

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