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SIR पर सदन में चर्चा को लेकर विपक्ष का तल्ख रुख! सरकार पर संदेह कर प्रदर्शन की राह अपना रहा INDIA ब्लॉक, क्या बढ़ेगा हंगामे का दौर?

SIR को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामे का दौर जारी है। विपक्ष तल्ख रुख के साथ सरकार से एसआईआर पर त्वरित चर्चा की मांग कर रहा है।

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Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

SIR: चुनावी राज्यों में घमासान का दौर जारी है और इसकी प्रमुख वजह है मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान। इसी बीच संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत भी हो गई है। विपक्ष लगातार सरकार से एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक के सांसद तल्ख भाव के साथ एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में जारी सियासी संग्राम के बीच कहा है कि उन्हें सरकार की मंशा पर संदेह है।

कांग्रेस अध्यक्ष कहते हैं कि विपक्ष जल्द से जल्द एसआईआर पर बहस शुरू करना चाहता है, लेकिन हमें शक है कि सरकार इसे टालकर अपना काम निपटाना चाहती है। विपक्ष की इस मांग के बीच शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ेगा? आइए इस सवाल का जवाब देते हुए ताजा समीकरण पर चर्चा करते हैं।

सदन में SIR पर चर्चा को लेकर विपक्ष का तल्ख रुख!

संसद के शीतकालीन सत्र का दौर जारी है। इस बीच लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक एसआईआर का मुद्दा गरमा रहा है। विपक्ष लगातार एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी के वक्तव्य पर निशाना साधते हुए बाते घुमाने का आरोप लगाया है। यूपी से बंगाल, केरल, तमिलनाडु तक एसआईआर पर छिड़ी सियासी जंग के बीच विपक्ष लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर त्वरित चर्चा की मांग कर रहा है।

कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप है कि केन्द्र सरकार एसआईआर पर बहस को टालकर अपना काम निपटाना चाहती है। खबर है कि 12 से ज्यादा विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू से मुलाकात कर इस विषय पर चर्चा करने की मांग की है। अब देखना दिलचस्प होगा कि तल्ख रुख धारण किए हुए विपक्ष के हाथों क्या लगता है।

क्या सदन में बढ़ेगा हंगामे का दौर?

मकर द्वार से लेकर सदन के भीतर तक एसआईआर को लेकर नारेबाजी हो रही है। आलम ये है कि सोमवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के दौर में लोकसभा और राज्यसभा दोनों के स्थगन को लेकर खबरें आ चुकी हैं। पिछले कुछ संसद सत्र को देखें तो ये स्पष्ट होता है कि कार्यवाही का ज्यादातर समय हंगामे की भेंट चढ़ा है। यही वजह है कि वर्ष 2025 के शीतकालीन सत्र के दौरान भी ऐसी संभावना जताई जा रही है।

कयास लगाए जा रहे हैं कि विपक्ष अपनी मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन की आवाज तेज कर सकता है। इससे लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक टीएमसी, राजद, सपा, कांग्रेस, डीएमके, बसपा समेत अन्य कुछ पार्टियां अपनी आवाज उठा सकती है। यही वजह है कि शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं। हालांकि, अभी नजरें सरकार के रुख पर हैं और देखना दिलचस्प होगा कि कैसे इस चुनौती से निपटा जाता है।

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