Lalu Yadav: बिहार में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद लालू परिवार में अंदरखाने उपज रहा विवाद सार्वजनिक हो चुका है। पार्टी सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य पूरी तरह से बगावती तेवर अपना रही हैं। भाई तेजस्वी यादव के सहयोगी संजय यादव और रमीज पर गंभीर आरोप लगाते हुए रोहिणी आचार्य ने मोर्चा खोल दिया है जिसके बाद लालू यादव बीच-बचाव करते नजर आए हैं।
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते सोमवार को पार्टी की समीक्षा बैठक के दौरान लालू यादव ने मोर्चा संभाले हुए कहा कि घर का विवाद घर के लोग सुलझा लेंगे, बाहरी लोग चिंता मत करें। बिहार चुनाव में राजद को मिली करारी हार के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव का पॉलिटिकल करियर बचा पाएंगे? पहले चुनाव हारने और फिर परिवार दाव पर लगा चुके तेजस्वी यादव के लिए आगे क्या होगा, ये देखना दिलचस्प होगा।
रोहिणी आचार्य की बगावत के बीच राजद सुप्रीमो ने संभाला मोर्चा
समीक्षा बैठक के दौरान लालू यादव ने मोर्चा संभालते हुए परिवार में उपजे विवाद पर प्रतिक्रिया दी है। कई मीडिया रिपोर्ट ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि लालू यादव ने ताजा घटनाक्रम को परिवार का मसला बताया है। पार्टी सुप्रीमो का कहना है कि घर का विवाद घर के लोग सुलझा लेंगे, आप लोग चिंता मत करें। पूर्व सीएम की ये टिप्पणी ऐसे दौर में आई है जब बिहार चुनाव परिणाम के ठीक बाद रोहिणी आचार्य ने अपने भाई तेजस्वी यादव को निशाने पर लिया है।
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने राज्यसभा सांसद संजय यादव और रमीज पर हार का ठिकरा फोड़ते हुए जिम्मेदारी तय करने की बात कही थी। रोहिणी ने यहां तक कह दिया कि उन्हें घर में चप्पल से पीटा गया। देखते ही देखते तेज प्रताप यादव भी बहन के बचाव में उतर गए और मुखरता के साथ इस मामले में प्रतिक्रिया दी। अंतत: लालू यादव ने स्थिति को देखते हुए खुद मोर्चा संभाला है और इसे परिवार के भीतर की बात बताई है जिसका हल परिवार वाले ही निकालेंगे।
क्या Lalu Yadav सेट कर पाएंगे बेटे तेजस्वी का पॉलिटिकल करियर?
ये स्पष्ट है कि तेजस्वी यादव का पॉलिटिकल करियर पटरी से उतर चुका है। बिहार चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार इस दावे पर मुहर लगाती है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्ष महज 34 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सका है। महागठबंधन की ये करारी हार राजद की कमान संभाल रहे तेजस्वी यादव के लिए बड़ा सेटबैक है जिससे उबर पाना पार्टी के लिए आसान नहीं होगा।
हालांकि, पार्टी सुप्रीमो लालू यादव ने मोर्चा संभालकर बेटे तेजस्वी के बचाव की कवायद शुरू कर दी है। खबरों के मुताबिक लालू यादव ने राजद की समीक्षा बैठक में तेजस्वी को फिर नेता प्रतिपक्ष बनाने की वकालत की है। लालू यादव बेटे तेजस्वी के पॉलिटिकल करियर को सेट करने के लिए प्रयासरत नजर आ रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि वो अपनी कवायद में कितना सफल या असफल होते हैं।
