Dattatreya Hosabale: सियासी सरगर्मिया तेज हो गई हैं और चर्चा हो रही बिहार चुनाव की। उससे पहले RSS सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिसको लेकर बीजेपी मुश्किलों में घिरती नजर आ रही है। दत्तात्रेय होसबाले ने ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को संविधान की प्रस्तावना में रहना या ना रखने पर विचार करने की सलाह दी है। RSS नेता के इस सलाह के बाद संघ और BJP परिवार बुरी तरह से घिरा नजर आ रहा है। लोकसभा चुनाव में संविधान मुद्दे पर झटका खा चुकी बीजेपी को बिहार चुनाव में घेरने की तैयारी शुरू है। Dattatreya Hosabale की टिप्पणी का जिक्र कर लालू प्रसाद यादव और Congress ने बीजेपी को चुनावी मैदान में उतरने से पहले ही घेर लिया है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या संविधान मुद्दे पर लोकसभा चुनाव 2024 में झटका खा चुकी, अब बिहार में भी फंस सकती है?
समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष पर बोलकर घिरे RSS सरकार्यवाह Dattatreya Hosabale!
राष्ट्रीय दल से लेकर क्षेत्रीय दल तक बीजेपी और RSS को दत्तात्रेय होसबाले की टिप्पणी पर घेरते नजर आ रहे हैं। गुरुवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस सरकार्यवाह ने कहा था कि “समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्दों को आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में शामिल किया गया था। इन्हें प्रस्तावना में रहना चाहिए या नहीं, इस पर विचार किया जाना चाहिए।” Dattatreya Hosabale ने आगे कहा कि “बाबा साहेब ने जो संविधान बनाया, उसकी प्रस्तावना में ये शब्द कभी नहीं थे। आपातकाल के दौरान जब संसद काम नहीं कर रही थी, न्यायपालिका पंगु हो गई थी, तब ये शब्द जोड़े गए।”
सरकार्यवाह Dattatreya Hosabale की इसी टिप्पणी को कांग्रेस और RJD ने बिहार चुनाव से पहले मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है। राजद चीप लालू यादव का कहना है कि “देश के सबसे बड़े जातिवादी और नफरती संगठन RSS ने संविधान बदलने की बात कही है। इनकी इतनी हिम्मत नहीं कि संविधान और आरक्षण की तरफ़ आँख उठाकर देख सके। अन्यायी चरित्र के लोगों के मन व विचार में लोकतंत्र एवं बाबा साहेब के संविधान के प्रति इतनी घृणा क्यों है?”
वहीं कांग्रेस ने आरएसएस जनरल सेक्रेटरी दत्तात्रेय होसबाले की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा है कि “RSS-BJP के लोग एक बार फिर संविधान को खत्म करने की साजिश कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस किसी भी कीमत पर इनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी। जय संविधान।”
इन दोनों दलों के अलावा भी कई ऐसे विपक्षी दल हैं जो आगामी समय में Dattatreya Hosabale को कटघरे में खड़ा करते हुए RSS-BJP को निशाने पर लेंगे।
लोकसभा चुनाव में संविधान मुद्दे पर झटका खा चुकी BJP क्या बिहार में फंसेगी?
ये लगभग तय है कि विपक्ष दत्तात्रेय होसबाले की टिप्पणी को मुद्दा बनाएगा और बिहार चुनाव में भी इसकी गूंज सुनने को मिलेगी। दरअसल, विपक्ष इससे पहले लोकसभा चुनाव 2024 में संविधान मुद्दे को उछालकर NDA का विजय रथ रोकने में सफल रहा था। उस दौर को याद कीजिए कैसे विपक्ष ने फैजाबाद से सांसद रहे लल्लू सिंह और कर्नाटक से आने वाले बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े की संविधान बदलने से जुड़े बयान को उछाल कर माहौल बनाया था। विपक्ष अब वही कोशिश Dattatreya Hosabale मामले में भी कर सकता है। तब की बात करें तो 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी 240 पर ही सिमट गई थी। दावा किया गया कि संविधान मुद्दे के कारण पिछड़ा व दलित वोट पार्टी के खाते से निकल गया है।
यही वजह है कि अब बिहार चुनाव से पहले आया दत्तात्रेय होसबाले का बयान सुर्खियों में है। दावा किया जा रहा है कि लालू यादव की RJD और कांग्रेस मिलकर इस मुद्दे को चुनावी दौर में उछाल सकते हैं। यदि विपक्ष लोकसभा चुनाव 2024 की तर्ज पर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में कामयाब हुआ, तो शायद बिहार में BJP का चुनावी परिणाम प्रभावित हो सकता है। फिलहाल सारी बातें कयासों के आधार पर कही जा रही हैं और पुख्ता रूप से इस संदर्भ में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। ऐसे में सही समय का इंतजार करना ही एकमात्र विकल्प है जिसके बाद ये स्पष्ट हो सकेगा कि Dattatreya Hosabale के बयान ने बीजेपी को फायदा पहुंचाया है या नुकसान।