Tej Pratap Yadav: लालू परिवार में उत्तराधिकार को लेकर छिड़ी जंग अब सामने आ चुकी है। ये तय है कि लालू यादव ने अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को अपनी राजनीतिक विरासत सौंप दी है। हालांकि, उनका बड़ा बेटा तेज प्रताप यादव अब भी हार मानने को तैयार नहीं है। एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए तेज प्रताप यादव ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत पर सीधा दावा ठोंका है।
तेज प्रताप ने उन चंद जयचंदों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें पता था कि हम दूसरा लालू यादव हैं। इसीलिए षडयंत्र रचकर हमको परिवार और पार्टी से बाहर निकलवा दिया। ऐसे में जहां एक ओर तेजस्वी यादव पिता की राजनीतिक विरासत लिए महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर तेज प्रताप का खुद को दूसरा लालू यादव बताना छोटे भाई पर सीधा सियासी अटैक है। इससे इतर भी पटना से कुछ ऐसे प्रकरण सामने आए हैं जिन्होंने लालू परिवार के आंतरिक कलह पर मुहर लगा दी है।
चुनावी दौर के बीच भाई तेजस्वी पर Tej Pratap Yadav का सीधा अटैक!
बगावती मिजाज के साथ बिहार की धरती पर उतर चुके तेज प्रताप यादव ने सीधे खुद को दूसरा लालू यादव बता दिया है। एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए तेज प्रताप ने साफ तौर पर कहा कि जयचंदों ने षडयंत्र रचकर उन्हें परिवार और पार्टी से बाहर करा दिया। क्योंकि उन्हें पता था कि तेज प्रताप दूसरा लालू यादव हैं।
पूर्व मंत्री तेज प्रताप ने अपनी चाल, ढ़ाल और बात करने की शैली को अपने पिता के समान बताया है। तेज प्रताप यादव का ये कथन सीधे तौर पर लालू यादव की राजनीतिक विरासत पर दावा ठोंकने के समान है। हालांकि, अभी लालू यादव की राजनीतिक विरासत तेजस्वी यादव के हाथों में नजर आ रही है। यही वजह है कि तेज प्रताप यादव द्वारा खुद को दूसरा लालू यादव बताना भाई तेजस्वी पर सीधा हमला के समान है।
उत्तराधिकार की जंग के बीच जयचंद पर फिर बिफर उठे तेज प्रताप!
बागी मिजाज के साथ बिहार के चुनावी रण में ताल ठोंक रहे तेज प्रताप यादव ने खुलकर जयचंद का जिक्र किया है। हेलीपैड पर तेजस्वी यादव के साथ चॉपर में सवार संजय यादव को देखते हुए तेज प्रताप का ये कहना कि जयचंदवा भी बैठा है। ये साफ तौर पर दर्शाता है कि तेज प्रताप यादव अपने भाई तेजस्वी यादव के साथ रहने वाले संजय यादव से खास नाखुश हैं। तेजस्वी यादव के हाथों में भले ही राजद की कमान है। लेकिन तेज प्रताप अब भी उनके इर्द-गिर्द रहने वालों के खिलाफ निशाना साधकर उत्तराधिकार की जंग जारी रखने की दावेदारी पक्के करते नजर आते हैं।
इससे इतर पटना एयरपोर्ट पर तेज प्रताप और तेजस्वी का आमना-सामना और इग्नोर की विधि ये दर्शाती है कि लालू परिवार में सब कुछ सामान्य नहीं है। पटना एयरपोर्ट पर तेजस्वी ने बड़प्पन दिखाते हुए तेज प्रताप की ओर पहल की, लेकिन उनका अपने भाई को सीधा इग्नोर कर देना सियासी जंग को धार देने पर मुहर लगाता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि लालू परिवार की ये आंतरिक कलह कहां जाकर खत्म होती है।






