Tej Pratap Yadav: पार्टी से भले ही निष्कासन हो जाए, लेकिन भीतर से राजनीति का जज्बा कहां खत्म होता है। यहां बात लालू यादव के बड़े सुपुत्र व पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव की हो रही है। दरअसल, तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर हुंकार भरते हुए नया सियासी संदेश देने की कोशिश की है। अनुष्का यादव प्रकरण के बाद RJD से निष्कासित हो चुके तेज प्रताप यादव ने अपने पिता लालू यादव की एक तस्वीर के समक्ष खुद को समर्पित दिखाया है। हालांकि, इस एक तस्वीर ने कयासों का बाजार गर्म कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या Tej Pratap Yadav बिहार के सियासी संग्राम में पार्टी सुप्रीमो और तेजस्वी यादव के लिए चुनौती बन सकते हैं? क्या निष्कासन के बाद तेज प्रताप पुराने मार्ग से इतर सियासी संभावनाओं की तलाश में जुट सकते हैं? इन तमाम सवालों का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश की जाएगी।
राजद से निष्कासित हो चुके Tej Pratap Yadav ने फिर भरी हुंकार!
नई तस्वीर और नए जज्बे के साथ राजद नेता तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर हुंकार भरी है। तेज प्रताप के एक्स हैंडल से एक तस्वीर जारी की गई है जिसमें वो अपने पिता लालू यादव के समक्ष समर्पित नजर आ रहे हैं। Tej Pratap Yadav लिखते हैं कि “अंधेरा जितना गहरा होगा, सुबह उतनी ही नजदीक होगी।” इस दौरान उन्होंने बिहार और इंडिया का हैशटैग भी दिया है। तेज प्रताप का संकेत साफ है कि विषम परिस्थितियां चाहें जितनी आ जाएं, एक ना एक दिन सब सही होगा और फैसला अपने पक्ष में होगा। उन्होंने इस एक्स पोस्ट से दर्शाया है कि वो कमबैक करेंगे और उनका कमबैक इतना जोरदार होगा कि विपक्षी खेमा औंधे मुंह गिर पड़ेगा।
क्या लालू यादव और तेजस्वी के लिए चुनौती बन सकते हैं तेज प्रताप यादव?
इसका पुख्ता जवाब तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन हालिया समीकरण को देखकर किसी भी संभावनाओं ने नकारा नहीं जा सकता। Tej Pratap Yadav फिलहाल राजद पार्टी के साथ लालू परिवार से भी निष्कासित हो चुके हैं। हालांकि, उनके भीतर भी राजनीति की दिलचस्पी है। यही वजह है कि तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि तेज प्रताप यादव का निष्कासन रद्द कर उन्हें पुन: RJD का हिस्सा नहीं बनाया गया, तो स्थिति बदल सकती है। ऐसे समीकरण में तेज प्रताप निर्दलीय या अन्य दल के साथ गठजोड़ कर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि, ये एक कयासबाजी का हिस्सा मात्र है जिसको लेकर चर्चाएं तेज हैं। वास्तव में क्या होगा उसके लिए सही समय का इंतजार करना ही एकमात्र विकल्प है।