Artificial Intelligence: मौजूदा समय में अधिकतर लोग सोच रहे हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से इंसानी नौकरियां समाप्त हो जाएंगी। एआई की हर क्षेत्र में बढ़ती पहुंच इंसानों के लिए खतरा बनती जा रही है। कई टेक एक्सपर्ट इस बात पर जोर दे रहे हैं कि आने वाले कुछ सालों में एआई इंसानों से कई नौकरियां छीन लेंगे। बीते कुछ सालों में ऐसी कई खबरें भी सामने आई हैं, जिसमें दावा किया गया है कि एआई ने किसी एंट्री लेवल नौकरी में इंसान की जगह ले ली। मगर इसी बीच एक मशहूर लेखक सलमान रुश्दी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर एक चौंकाने वाला दावा किया है।
Artificial Intelligence से लेखकों को कोई बड़ा खतरा नहीं- सलमान रुश्दी
‘Prabhat Khabar’ की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकप्रिय राइटर सलमान रुश्दी ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रभाव लेखकों पर नहीं पड़ेगा। वरिष्ठ लेखक सलमान रुश्दी ने कहा कि एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जब तक लोगों को हंसा नहीं सकता है, तब तक एआई से लेखकों को कोई बड़ा खतरा नहीं है। सलमान रुश्दी ने कहा कि एआई चाहे जितना विकसित हो जाए, मगर एआई में हास्यबोध यानी हंसी की भावना की कमी बनी रहेगी। अगर एआई एक मजेजार किताब लिखने के सफलता हासिल कर लेता है, तो लेखक असल में कठिनाई में आ सकते हैं। सलमान रुश्दी ने कहा कि वे खुद नहीं चाहेंगे कि वह चैटजीपीटी से मजाक सुनना शुरू कर दें। हास्य लेखन में इंसानी अनुभव, भावना और सामाजिक परिणाम की समझ काफी महत्वपूर्ण होती है। ये सब एआई के लिए काफी कठिन है।
सलमान रुश्दी ने कहा- ‘आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के पास नहीं है इंसानी दृष्टिकोण’
दिग्गज लेखक सलमान रुश्दी ने आगे कहा कि जब तक Artificial Intelligence मौलिक, हास्यास्पद और संवेदनशील कहानियां तैयार नहीं कर सकता है, तब तक लेखकों की महत्ता बनी रहेगी। अच्छे लेखकों की सबसे बड़ी खासियत होती है, उनका इंसानी दृष्टिकोण और अंतहीन कल्पनाशीलता। यह एआई से संभव नहीं है। सलमान रुश्दी ने माना कि उन्होंने आज तक किसी भी एआई टूल का उपयोग नहीं किया है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ने बीते कई सालों में काफी तेजी से विकास किया है। एआई कई लेख, कविता, शायरी, कोडिंग, संगीत, फोटो के निर्माण सहित कई सेक्टरों में तेजी से ऊपर बढ़ रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आने वाले सालों में एआई हास्यस्पद और इंसानों की संवेदनशीलत को समझ पाएगा या नहीं।