Ayodhya Video: अयोध्या से आज उत्साहित भक्तों की तमाम तस्वीरें आई हैं। कुछ ऐसी तस्वीरें हैं जिन से लोगों की निगाहें हटने का नाम नही ले रही हैं। ऐसी ही एक तस्वीर है 9 वर्षीय बच्ची की है जिसने प्रभु रामलला का स्वरूप धारण कर रखा है। छोटी बच्ची ने प्रभु रामलला की प्रतिमा के सामन के समान ही वस्त्र और आभूषण धारण किए हैं। अयोध्या वीडियो में बच्ची का स्वरूप देखा जा सकता है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के अवसर पर छोटी बच्ची धार्मिक मंत्रों का उच्चारण करती भी सुनी जा सकती है। डीएनपी इंडिया के आधिकारिक एक्स हैंडल से जारी Ayodhya Video में छोटी बच्ची का हूबहू रामलला सा स्वरूप नजर आ रहा है।
Ayodhya Video छोटी बच्ची ने धारण किया प्रभु रामलला का स्वरूप
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर आज अयोध्या में जश्न का माहौल है। इसी बीच महाराष्ट्र के धूलिया की रहने वाली एक छोटी बच्ची (दीपिका) अयोध्या पहुंची है।
Watch Ayodhya Video
खास बात ये है कि बच्ची ने हूबहू प्रभु रामलला का स्वरूप धारण कर रखा है। देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से अयोध्या पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए दीपिका आकर्षण का केन्द्र बन गई हैं। छोटी बच्ची का दिव्य रूप देखने के लिए श्रद्धालु आतुर नजर आ रहे हैं। बच्ची के अभिवावकों का कहना है कि Ram Mandir प्राण प्रतिष्ठा के पहले वर्षगांठ पर उन्होंने अपनी बच्ची के मतानुसार उसे रामलला का स्वरूप दिया है। Ayodhya Video में छोटी बच्ची का स्वरूप देख लोग जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। छोटी बच्ची का स्वरूप हूबहू प्रभु रामलला की प्रतिमा से मिलता नजर आ रहा है जिसे देख लोग यकीन नहीं कर पा रहे हैं।
Ram Mandir Pran Pratishtha की पहली वर्षगांठ पर गरजे CM Yogi
रामनगरी अयोध्या में आज छोटी बच्ची के स्वरूप के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान की भी चर्चा है। CM Yogi ने आज राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर कई प्रमुख बातों का जिक्र किया है। सीएम योगी ने कहा कि “मैं आज स्वर्गीय अशोक सिंघल को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने मार्गदर्शन में राम जन्मभूमि के लिए लंबे आंदोलन को लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीके से नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
सीएम योगी ने कहा है कि “आज अयोध्या देश का पहला सौर शहर बन गया है। यह सौर राजवंश की राजधानी है। इसे लाने में लंबा संघर्ष करना पड़ा। कई पीढ़ियां एक इच्छा के साथ गुजर गईं कि भगवान राम की मूर्ति को अयोध्या में स्थापित किया जाए। हर 15 से 20 वर्षों में, हिंदू समाज भगवान राम की जन्मभूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए संघर्ष करता रहा। यह प्रयास अब जाकर सफल हुआ है।”