Balochistan News: जालिम पाकिस्तान क्रूरता की सारी हदें पार कर अब एक-एक कर बलूच एक्टिविस्टों को निशाना बना रहा है। बलूची एक्टिविस्ट जीशान जहीर का कथित अपहरण और फिर हत्या इसकी एक बानगी मात्र है। इससे इतर भी कई ऐसे बलूची कार्यकर्ता मुनीर सेना और पाकिस्तानी सरकार के निशाने पर आ चुके हैं, जो स्वतंत्र बलोचिस्तान की मांग करते हैं। हालांकि, जीशान जहीर की कथित हत्या के बाद Balochistan प्रांत में तनाव की स्थिति है। बलूची लड़ाके और कार्यकर्ता अंदरखाने बड़ी रणनीति के तहत पाकिस्तान को झटका देने की तैयारी कर रहे हैं। बलूची कार्यकर्ताओं ने मुनीर सेना और पाकिस्तानी हुकूमत को अल्टीमेटम देते हुए बड़ा ऐलान किया है। फर्स्टपोस्ट को दिए साक्षात्कार में एक बलूची एक्टिविस्ट ने साफ तौर पर कहा है कि यदि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आया, तो बलूच प्रांत में मौत की दास्तां लिखी जाएगी। (Balochistan News)
बलूची एक्टिविस्टों को निशाने पर लेने वाली मुनीर सेना और पाकिस्तानी हुकूमत को अल्टीमेटम!
लगातार पाकिस्तानियों को निशाना बना रही बलूची एक्टिविस्टों पर मुनीर सेना की क्रूरता जारी है। इसी फेहरिस्त में युवा बलूच एक्टिविस्ट जीशान जहीर की कथित हत्या को देखा जा रहा है। जीशान की हत्या के बाद बलोचिस्तान प्रांत में उबाल की स्थिति है और सभी एक्टिविस्ट अंदरखाने पाकिस्तानी हुकूमत को निशाने पर ले रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर ‘फर्स्टपोस्ट’ को साक्षात्कार देते हुए एक एक्टिविस्ट ने पाकिस्तानी हुकूमत को अल्टीमेटम दे दिया है। बलूची कार्यकर्ताओं का साफ कहना है कि यदि पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों के साथ Balochistan में क्रूरता की हदें पार करता रहा, तो प्रांत में मौत की दास्तां लिखी जाएगी और खून की नदियां बहेंगी। बलूची लड़ाकों का साफ संदेश है कि अब ‘जैसे को तैसा’ के अंदाज में जवाब देने के लिए तैयारी पूरी है। यदि पाकिस्तानी हुकूमत नहीं संभली तो अंजाम बुरा होगा।
पाकिस्तानी हुकूमत की नाक में दम कर रही BLA
उस दौर को याद कीजिए जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का दौर छिड़ा था। उस दौर में भारतीय सेना के साथ BLA ने भी पाकिस्तानी सेना को निशाने पर लिया है। बलूची लड़ाकों ने समय-समय पर पाकिस्तानी सेना के काफिले को निशाना बनाते हुए कई सौनिकों को मौत के घाट उतारा था। BLA की ओर से जारी एक आंकड़े की मानें तो पिछले 6 महीने में बलूच लड़ाकों ने 668 पाकिस्तानी सेना के जवानों को मौत के घाट उतारा है।
इसका आशय है कि बलूच लड़ाके हर 6 घंटे में 1 पाकिस्तानी सैनिक को जहन्नुम पहुंचा रहे हैं। यही वजह है कि पाकिस्तानी हुकूमत और मुनीर सेना बलूच एक्टिविस्टों को निशाने पर लेकर उनके साथ क्रूरता को अंजाम दे रही है। हालांकि, अब मामला आर या पार तक आ पहुंचा है और बलूच लड़ाकों ने मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि मुनीर सेना और पाकिस्तानी हुकूमत कैसे चुनौतियों से निपटती है।