Balochistan-Pakistan News: स्वतंत्र बलोचिस्तान की मांग पर अड़े बलूच लड़ाकों ने पाकिस्तान की नाक में दम करके रख दिया है। इस क्रम में क्वेटा से कलात, मुजफ्फराबाद समेत अन्य कई इलाकों में बलूची लड़ाकों का तांडव देखने को मिला है। BLA का अल्टीमेटम और रौद्र रूप देखकर अब मुनीर सेना खौफ खा गई है। खबर है कि पाकिस्तानी आवाम की सुरक्षा को लेकर हुक्मरानों में चर्चाओं का दौर जारी है। इस क्रम में सूरब जिले में चलने वाले सभी वैन, बस और वैगन के अंदर जरूरी सुरक्षा उपायों के सेट लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
बलूचिस्तान के प्रभाव वाले सूरब में लागू हुआ ये निर्देश सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर लिया गया है। दरअसल, बीते कुछ महीनों से BLA से जुड़े लड़ाके पाकिस्तान सेना को लगातार निशाने पर ले रहे हैं। बलूच लड़ाकों की ओर से किए जा रहे IED ब्लास्ट में पाकिस्तानी आवाम को भी नुकसान पहुंच रहा है जिसको लेकर हुक्मरानों में खौफ की स्थिति है। (Balochistan-Pakistan News)
सुरक्षा के लिहाज से जारी हुए अहम निर्देश
मालूम हो कि इससे पूर्व कराची से क्वेटा जा रही एक बस को बलूच लड़ाकों ने निशाना बनाया था। उस दौरान कई नागरिकों की मौत हुई थी। बलूच लड़ाकों के ताबड़तोड़ हमलों को देखते हुए मुनीर सेना और पीएम शहबाज शरीफ अलर्ट पर हैं। इसी क्रम में बलोचिस्तान के सूरब जिले में चलने वाले सभी वैन, बस और वैगन के अंदर जरूरी सुरक्षा उपायों के सेट लागू करने का निर्देश दिया है। इसके तहत बसों में सुरक्षा गार्ड की तैनाती, इमरजेंसी अलर्ट बटन और जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे की मदद से सभी गतिविधियों पर निगरानी रखी जाएगी, ताकि BLA की करतूत से पहले ही पाकिस्तानी आवाम और सेना को बचाया जा सके। ये निर्देश 21 जुलाई से लागू हो जाएगा।
बलूच लड़ाकों के ताबड़तोड़ हमले के बाद पाकिस्तान में खौफ
आंकड़ों की बात करें तो पिछले 6 महीनों में पाकिस्तानी सेना के 600 से ज्यादा सैनिक बलूच लड़ाकों के हाथों मारे गए हैं। इसका दावा बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) की ओर से किया गया है। पाकिस्तान भले ही बलूच हमलों की आधिकारिक पुष्टि न करे, लेकिन अंदरखाने खौफ की स्थिति साफ तौर पर नजर आ रही है। बलोचिस्तान के सूरब जिले में सुरक्षा के लिहाज से जारी निर्देश हों, या सेना का बढ़ता दौरा। ये संकेत है कि अंदरखाने पाकिस्तानी सेना के बीच उथल-पुथल का माहौल है। इसका एक और एकमात्र कारण बलूच लड़ाके बताए जा रहे हैं, जो स्वतंत्र बलोचिस्तान की मांग पर अड़े हुए पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रहे हैं।