Bangladesh Crisis: स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है और अंदरखाने की सही, लेकिन सेना और अंतरिम सरकार में खटपट की खबरें भी आ रही हैं। यहां बात भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश के संदर्भ में हो रही है। दरअसल, 5 अगस्त को शेख हसीना भारी विरोध प्रदर्शन के बाद ढ़ाका छोड़ भाग उठीं। इसके बाद तमाम जद्दोजहद हुए और बांग्लादेश सरकार की कमान मिली मोहम्मद यूनुस को। युनूस का झुकाव सभी को पता था और हुआ वही जिसकी आशंका थी। बांग्लादेश धीरे-धीरे पाकिस्तान और चीन की ओर झुकाव रखने लगा है। हालांकि, Bangladesh Crisis के बीच Army भारत के मित्र देशों से संपर्क साध चीजों को व्यवस्थित कर रही है जो यूनुस को खटक रहा है। अब स्थिति ये है कि Mohammed Yunus और आर्मी आमने-सामने हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि China और ISI की कठपुतली बने अंतरिम सरकार से भारत कैसे निपटेगा।
Bangladesh Crisis के बीच स्थानीय पत्रकार का बड़ा खुलासा
डीएनपी इंडिया ने सरहद पार कर बांग्लादेशी पत्रकार शोएब चौधरी से संपर्क साधा। शोएब चौधरी से एक्सक्लूसिव बातचीच के दौरान डीएनपी इंडिया की ओर से पत्रकार प्रकाश ललित ने कई कड़े सवाल पूछे। इस फेहरिस्त बांग्लादेशी अंतरिम सरकार और आर्मी के बीच उठ रही खटपट की खबरों को लेकर भी सवाल पूछे गए।
इन सवालों का जवाब देते हुए Blitz समाचार समूह से जुड़े पत्रकार शोएब चौधरी ने कहा कि “यूनुस आदत से एक फ्रॉड और मक्कार है। धोखेबाज भी है। एक धोखेबाज के साथ धोखेबाजी होता है और यूनुस पाकिस्तान को सीने से लगाया है। पाकिस्तान ऐसा मुल्क है जो आतंकवाद एक्सपोर्ट करता है। बांग्लादेश पिछले 15 साल तक भारत के साथ मिल-जुल कर रहा। बांग्लादेश इकॉनमी इस दौरान कहां से कहां चली गई जबकि पाकिस्तान भिखारी बना रह गया। पाकिस्तान एक आतंकवादी मुल्क है जो सिर्फ आतंकवाद एक्सपोर्ट करता है।”
शोएब चौधरी ने Bangladesh Crisis के बीच आगे कहा कि पाकिस्तानी आईएसआई, बांग्लादेश आर्मी को एक जिहादी पैरामिलिटरी फोर्स बनाने की कोशिश में है। Pakistan इस कोशिश में है कि बांग्लादेश आर्मी को डिस्ट्रॉय कर दे। हालांकि, Bangladesh Army के रिश्तें भारत से बेहतर हैं। यही वजह है कि बांग्लादेश आर्मी, पाकिस्तानी आईएसआई के और यूनुस के दुश्मन हैं। ये आर्मी को बर्बाद करने की कोशिश मे हैं।
बांग्लादेशी अंतरिम सरकार की ईंट से ईंट बजा सकता है भारत
उस दौर को याद कीजिए जब मोहम्मद यूनुस चीन की शरण में थे। मार्च के आखिरी सप्ताह में चीन पहुंचे Mohammed Yunus ने बीजिंग में एक कार्यक्रम के दौरान भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र किया। यूनुस ने Bangladesh Crisis के बीच कहा था कि भारत के 7 पूर्वोत्तर राज्यों की समुद्र तक पहुंच नहीं है। यूनुस की ओर से इशारे-इशारे में चीन को गतिविधियां बढ़ाने की बात कही गई। इसके बाद पाकिस्तानी सेना के कुछ अधिकारी भी ढ़ाका दौरे पर पहुंचे।
खबर है कि आगामी समय में Pakistan Army के कुछ अन्य अधिकारी मोहम्मद यूनुस के बुलावे पर ढ़ाका पहुंच सकते हैं। ये सारी संभावनाएं भारत को अलर्ट करने के लिए काफी हैं। यही वजह है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बांग्लादेश से जुड़ी गतिविधियों की क्लोज मॉनिटरिंग कर रहे हैं। थाइलैंड में बीते दिनों पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच हुई मुलाकात के बाद स्थिति ये है कि भारत ईंट से ईंट बजाने को तैयार है। यदि बांग्लादेश अपनी गतिविधियों के परिवतर्न नहीं करेगा और भारत के प्रति रुख नहीं बदलेगा, तो भारत भी फ्रंटफुट से मोर्चा संभालते हुए मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को नहीं बख्शेगा।