Donald Trump: दुनिया के दो शीर्ष नेताओं की गैरमौजूदगी में ब्राजील का एक आयोजन सुर्खियां बटोर रहा है। यहां बात ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 के संदर्भ में हो रही है। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप की बौखलाहट एक बार फिर सामने आ गई है। पिछले BRICS Summit के जैसे ही प्रेसिडेंट ट्रंप ने एक बार फिर BRICS Members को चेताया है। चर्चा फिर उसी टैरिफ वॉर की हो रही है जिसकी बानगी दुनिया वर्ष 2025 की शुरुआत में देख चुकी है। हालांकि अबकी बार ब्रिक्स का हिस्सा बनने शी जिनपिंग और व्लादीमिर पुतिन नहीं पहुंचे हैं।
सबकी नजरें भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे PM Modi पर हैं। इसी बीच Donald Trump का ब्रिक्स सदस्यों को चेताना कई संभावनाओं की ओर इशारा कर रहा है। सवाल है कि क्या जिनपिंग और पुतिन की गैरमौजूदगी में अमेरिका भारत की बढ़ती साख से परेशान है? आखिर प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप को टैरिफ वॉर का जिक्र क्यों करना पड़ा? तो आइए सभी सवालों का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं।
जिनपिंग और पुतिन की गैरमौजूदगी में Donald Trump ने BRICS देशों को चेताया!
अबकी बार ब्रिक्स का हिस्सा बनने के लिए प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग नहीं पहुंचे हैं। दुनिया के तमाम देशों की नजर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे पीएम मोदी पर है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक ताजा बयान आ गया है। Donald Trump ने ब्रिक्स सदस्यों को चेताते हुए कहा है कि “ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ने वाले किसी भी देश पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा। इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।” प्रेसिडेंट ट्रंप के इस ऐलान मात्र से ही उस टैरिफ वॉर को फिर हवा मिल गई है जिसको लेकर वर्ष 2025 की शुरुआत में खूब हो-हल्ला मचा था।
भारत की बढ़ती साख से बढ़ी डोनाल्ड ट्रंप की बेचैनी या वजह कुछ और?
फ्लैशबैक में जाएं तो हमें उस दौर की याद आती है जब पिछले वर्ष BRICS Summit के दौरान ब्रिक्स करेंसी की चर्चा हुई थी। उस वक्त अमेरिकी डॉलर के आस्तित्व पर खतरा मंडराते देख Donald Trump बौखला उठे थे। अमेरिका को अंदरखाने इस बात का डर सताता है कि BRICS Members गुटबाजी कर दुनिया के समक्ष एक नया विकल्प रखना चाहते हैं। यही वजह है कि अबकी बार फिर एक बार ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर अमेरिका का दर्द छलका है।
इतना ही नहीं अबकी बार BRICS Summit 2025 में व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग जैसे शीर्ष नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया है जिसके बाद सबकी नजरें भारत पर हैं। इन सभी समीकरणों को देखते हुए अमेरिका की बेचैनी और तेजी से झलक रही है। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की बढ़ती साख और ब्रिक्स देशों की नीति राष्ट्रपति Donald Trump के लिए खटक का विषय बन रही है। यही वजह है कि अमेरिकी प्रेसिडेंट ने एक बार फिर ‘टैरिफ वॉर’ का जिक्र कर ब्रिक्स सदस्य देशों को चेताया है।