Justin Trudeau: कनाडा में सियासी उथल-पुथल का दौर जारी है। इस बीच लिबरल पार्टी में हुई संभावित टूट पर चर्चा छिड़ी है। दावा किया जा रहा है कि जस्टिन ट्रूडो जल्द ही Canada के PM पद से इस्तीफा दे सकते हैं। कनाडाई पीएम ट्रूडो के इस्तीफे की खबरों के बीच अमेरिका, भारत, G-20 Summit और Khalistan जैसे फैक्टर्स पर चर्चा छिड़ी है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में Justin Trudeau सरकार के संभावित पतन के कई कारण बताए जा रहे हैं। ऐसे में आइए हम आपको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मचे इस सियासी घमासान के बारे में विस्तार से बताते हैं।
Justin Trudeau के इस्तीफे को लेकर छिड़ी चर्चा के बीच इन फैक्टर्स के मायने क्या?
भारत से खींच-तान भरे संबंध, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी या खालिस्तानी गतिविधियों में वृद्धि? कनाडा में सियासी उठा-पटक के कारण क्या हो सकते हैं, इस पर चर्चा छिड़ी है। बता दें कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के बाद Canada में खालिस्तानियां गतिविधियां तेजी से बढ़ी थीं। जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने निज्जर हत्याकांड मामले में भारत को सवालों के घेरे में खड़ा किया था जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कनाडाई पीएम की खूब फजीहत हुई थी। G-20 Summit के दौरान भी जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के भीतर हिंदुओं पर हो रहे खालिस्तानी हमले को आंतरिक विषय बताकर भारत की अवहेलना करने की कोशिश की थी। इन सबके बाद Justin Trudeau अपनी ही लिबरल पार्टी के निशाने पर आ गए। लिबर पार्टी के कई नेताओं ने ट्रूडो का खुलकर विरोध भी किया, जिसके बाद अब इस्तीफे की नौबत तक का आ गई है।
अमेरिका की ओर से भी हाल ही में कनाडाई वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने का जिक्र हुआ था। इसके तहत Donald Trump की ताजपोशी से पहले ये संकेत मिले कि Canada के लिए आगामी समय कठिनाइयों से भरा हो सकता है। यही वजह है कि लिबरल पार्टी के तमाम नेताओं ने Justin Trudeau को लेकर अविश्वास का माहौल बनाया और अब बात इस्तीफे तक पहुंच गई है।
कैसा रहा जस्टिन ट्रूडो का सियासी सफर?
लिबरल पार्टी के चीफ के रूप में ट्रूडो वर्ष 2023 में सुर्खियों में आए थे। उन्होंने संघर्ष के दौर में पार्टी की कमान संभाली थी जिसके बाद 2015 में उन्हें सत्ता हाथ लगी थी। हालांकि, सरकारी घोटालों, खालिस्तानी गतिविधियों का बढ़ना, भारत और अमेरिका जैसे देशों से टकराव के बाद Justin Trudeau लगातार सवालों में घिरे रहे और अब अतत: इस्तीफे तक बात पहुंच गई है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि निकट भविष्य में जस्टिन ट्रूडो कनाडा की सियासत में क्या फैसला लेते हैं?