Home ख़ास खबरें Dhaka Bomb Blast: खालिद जिया के बेटे की वतन वापसी से पहले...

Dhaka Bomb Blast: खालिद जिया के बेटे की वतन वापसी से पहले दहला बांग्लादेश! क्या ऐसे होगी लोकतंत्र की वापसी? चुनाव से पहले उठे सवाल

Dhaka Bomb Blast को लेकर बांग्लादेश में उबाल की स्थिति है। पूर्व पीएम खालिद जिया के बेटे तारिक रहमान जिया की वतन वापसी से पूर्व राजधानी में हिंसा कई सवालों को जन्म देती है।

Dhaka Bomb Blast
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Dhaka Bomb Blast: राजधानी ढ़ाका में बीते शाम हुए बम धमाके ने मुल्क को झकझोर कर रख दिया है। इसकी चपेट में आने से फैक्ट्री वर्कर सियाम की मौत हो गई है। अभी बांग्लादेश शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद फैली हिंसा से उभरा नहीं था, कि तब तक राजधानी ढ़ाका में एक और बम धमाके ने मुल्क में अशांति का माहौल बना दिया है।

ये सब कुछ पूर्व पीएम खालिद जिया के बेट तारिक रहमान जिया की मुल्क वापसी से ठीक पहले हुआ है। दरअसल, आज क्रिसमस-डे के दिन तारिक रहमान चुनावी संग्राम में हिस्सा लेने के लिए बांग्लादेश वापस लौट रहे हैं। उससे पहले मुल्क में उपजी हिंसा को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या बांग्लादेश में ऐसे ही लोकतंत्र की वापसी होगी? इसको लेकर मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार सवालों के घेरे में है।

खालिद जिया के बेटे की वतन वापसी से पहले दहला बांग्लादेश!

आज का दिन बांग्लादेश की सियासत के लिए बेहद अहम है। आज यानी 25 दिसंबर क्रिसमस-डे पर पूर्व पीएम खालिद जिया के बेटे तारिक रहमान जिया चुनावी संग्राम में हिस्सा लेने के लिए 17 वर्षों बाद बांग्लादेश लौट रहे हैं। वो आज ढ़ाका में एक बड़ी रैली को संबोधित करने वाले हैं। उससे पूर्व सबसे महफूज माने जाने वाले राजधानी में मोगबाजार फ्रीडम फाइटर्स मेमोरियल के पास फ्लाईओवर के नीचे बम धमाका कई सवालों को जन्म देता है।

क्या ये तारिक रहमान के लिए कोई संकेत था? कहीं मुल्क में लोकतंत्र के खिलाफ बिगुल तो नहीं बज चुका? खालिद जिया के बेटे की वापसी से कहीं यूनुस सरकार तो नहीं घबरा रही? ऐसे तमाम सवाल हैं जो ढ़ाका बम ब्लास्ट के संदर्भ में उठ रहे हैं।

क्या ऐसे होगी लोकतंत्र की वापसी?

फरवरी का दूसरा सप्ताह बांग्लादेश की सियासत के लिए बेहद अहम साबित होने वाला है। दरअसल, 2024 में हुई तख्तापलट के बाद 12 फरवरी को बांग्लादेश में चुनाव होने हैं। इसको लेकर आधिकारिक शेड्यूल की घोषणा हो गई है। उससे ठीक पहले राष्ट्र में हिंसा और प्रदर्शन का दौर जारी है। एक ओर शेख हसीना यूनुस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए लोकतंत्र के दमन की बात कर रही हैं।

दूसरी ओर आवामी लीग व अन्य कुछ दलों को प्रतिबंधित कर अंतरिम सरकार चुनावी संग्राम में हिस्सा ले रही है। वहीं तारिक रहमान जिया की वापसी से पहले ढ़ाका में बम धमाका भी कई सवालों को जन्म देता है। यदि ऐसा रहा तो क्या मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश में लोकतंत्र की वापसी करा पाएंगे? जो बांग्लादेश कभी शेख हसीना के कार्यकाल में तेजी से विकास पथ पर अग्रसर था क्या वहां फिर शांति व्यवस्था कायम हो सकेगी? ऐसे तमाम सवाल हैं जो बांग्लादेश में फैली हिंसा की आग के बीच उठ रहे हैं।

Exit mobile version