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पुतिन ने Donald Trump को किया नजरअंदाज! यूक्रेन पर रूस के ताजा हमले के बाद हताश अमेरिका ने भारत पर टैरिफ युद्ध तेज करने की धमकी दी; जानें पूरी खबर

Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इग्नोर करते हुए यूक्रेन पर सबसे बड़ा हमला किया। इसके साथ ही भारत पर टैरिफ को और अधिक बढ़ाने की धमकी भी दी।

Donald Trump
Photo Credit: Google, Donald Trump

Donald Trump: रूस और यूक्रेन जंग पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। दोनों देशों के बीच भयंकर हमले देखने को मिल रहे हैं। रूस ने हाल ही में यूक्रेन पर अब तक का सबसे भीषण हमला किया है। जानकारी के मुताबिक, रविवार सुबह तक यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस ने ड्रोन और मिसाइलों से एक के बाद एक कई अटैक किए। बताया जा रहा है कि रूस की तरफ से कीव की किसी सरकारी इमारत पर पहला हमला हुआ। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय में रूस और अधिक हमले यूक्रेन पर कर सकता है। रूस के जारी हमले के बीच माना जा रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है।

रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता नहीं करा पाए Donald Trump

एक तरफ जहां रूस अपने हमले यूक्रेन पर तेज कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हताशा में इजाफा होता जा रहा है। अमेरिका का मानना है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। इस वजह से रूस को यूक्रेन के साथ जंग लड़ने में आर्थिक मदद मिल रही है। वहीं, इस मसले पर भारत अपना रूख साफ कर चुका है कि भारत को जहां से सस्ता तेल मिलेगा। भारत वहां से तेल खरीदेगा। भारत के सख्त रवैये की वजह से डोनाल्ड ट्रंप और अधिक टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे चुके हैं। ‘India Today’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस में जब ट्रम्प से पूछा गया कि क्या वह रूस या उसके तेल खरीदारों पर नए प्रतिबंधों के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने कहा कि हां, मैं तैयार हूं तथा उन्होंने कोई और ब्यौरा नहीं दिया।

डोनाल्ड ट्रंप ने दी टैरिफ बढ़ाने की धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता कराने में असफल रह चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के बीच हताशा का दौर बढ़ता जा रहा है। इसी बीच अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बताया कि वाशिंगटन और यूरोपीय संघ रूसी तेल आयात करने वाले देशों पर द्वितीयक शुल्क लगा सकते हैं। इसमें भारत का भी नाम शामिल है। उन्होंने तर्क दिया कि केवल रूसी अर्थव्यवस्था के पतन के बाद ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बातचीत की मेज पर आ पाएंगे।

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