George Soros: कट्टरपंथ की ज़द में आ चुके बांग्लादेश का समीकरण तेजी से बदला है। तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था धूल फांक रही है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में मुल्क आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। इसी बीच भारत का विरोधी माने जाने वाले जॉर्ज सोरोस ने Bangladesh की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। यहां ‘डूबे को तिनका का सहारा’ वाली पंक्ति चरितार्थ होती नजर आ रही है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फजीहत झेल रहे बांग्लादेश को क्या George Soros आर्थिक मदद देंगे? क्या जॉर्ज सोरोस की मदद से बांग्लादेश की नैया पार होगी? ये सभी सवाल महज एक औपचारिक मुलाकात के बाद उठे हैं। तो आइए हम आपको पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताते हैं। इसके साथ ही ये भी बताते हैं कि बांग्लादेश पर इसका क्या असर हो सकता है।
क्या बांग्लादेश के लिए खजाना खोलेंगे George Soros?
गौरतलब है कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के आने के साथ ही प्रशासन को मिलने वाली सहयोग राशि पर विराम लग चुका है। ऐसे में अर्थव्यवस्था के लिहाज से तंगी झेल रहे Mohammed Yunus को सहारा मिल गया है। दरअसल, जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस ने ढ़ाका में मोहम्मद युनूस से मुलाकात की है। ‘दी डेली स्टार’ की रिपोर्ट के मुताबिक George Soros आर्थिक तंगी की मार झेल रहे बांग्लादेश के लिए अपना खजाना खोल सकते हैं। हालांकि, इसको लेकर भी कई तरह के सवाल हैं। क्या अमेरिकी प्रशासन की परवाह किए बिना ही जॉर्ज सोरोस कोई कदम उठा लेंगे? George Soros क्या डोनाल्ड ट्रंप से इतर अपनी रणनीति अपनाएंगे? इन सभी सवालों का जवाब मिलना अभी बाकी है। फिलवक्त सबकी नजरें बांग्लादेश की ध्वस्त होती अर्थव्यवस्था और उसे बचाने की कोशिश में जुटी अंतरिम सरकार पर टिकी हैं।
तख्तापलट के बाद धूल फांक रही Bangladesh की अर्थव्यवस्था!
ध्यान देने योग्य बात है कि बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद मुल्क की अर्थव्यवस्था धूल फांक रही है। वर्ल्ड बैंक ने इसी कड़ी में 2024-25 के लिए मुल्क के जीडीपी ग्रोथ का पूर्वानुमान 0.1 फीसदी घटाकर 5.7 फीसदी कर दिया है। घटता विदेशी मुद्रा भंडार, बढ़ती आर्थिक असमानता, बढ़ता बजट घाटा और करेंसी की गिरती वैल्यू लगातार अर्थव्यवस्था के ध्वस्त होने का संकेत दे रही है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि George Soros के कदम का बांग्लादेश पर कितना असर होता है।