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India Canada Relations: क्या जस्टिन ट्रूडो के बाद वर्तमान सरकार भारत विरोधी ताकतों से सख्ती से निपटेगी? खालिस्तानियों ने दी बड़ी धमकी, जानें पूरी खबर

India Canada Relations: खालिस्तानी संगठन एसएफजे यानी सिख्स फॉर जस्टिस ने कनाडा के वैंकूवर शहर में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को घेरने की धमकी दी है। ऐसे में भारत और कनाडा के बीच संबंध एक बार फिर खराब हो सकते हैं।

India Canada Relations
Photo Credit: Google, India Canada Relations

India Canada Relations: कनाडा में सरकार बदल गई, मगर वहा की स्थिति नहीं बदली। पिछले कुछ सालों के दौरान या फिर यू कहे कि जब जस्टिन ट्रूडो कनाडा के प्रधानमंत्री थे, उस समय भारत कनाडा संबंध काफी तनावपूर्ण थे। ऐसे में अब सरकार बदल गई है और भारत कनाडा संबंध एक बार फिर सही हो रहे हैं। मगर इसी बीच अमेरिका स्थित खालिस्तानी संगठन एसएफजे यानी सिख्स फॉर जस्टिस ने कनाडा के वैंकूवर में मौजूद भारतीय वाणिज्य दूतावास को घेरने की धमकी दी है। ‘NDTV’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एसएफजे ने कहा कि वह गुरुवार को भारतीय वाणिज्य दूतावास पर कब्जा कर लेगा।

India Canada Relations: एसएफजे ने पोस्टर जारी कर भारतीय वाणिज्य दूतावास पर साधा निशाना

रिपोर्ट के अनुसार, एसएफजे ने भारतीय वाणिज्य दूतावास की यात्रा करने वाले भारतीय-कनाडाई नागरिकों से किसी अन्य तारीख का चुनाव करने को कहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, एसएफजे ने एक पोस्टर जारी करते हुए भारतीय उच्चायुक्त को निशाना बनाते हुए दिखाया गया है। साथ ही भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानियों की जासूसी करने का आरोप भी लगाया है। ऐसे में सवाल है कि क्या जस्टिन ट्रूडो के बाद वर्तमान सरकार भारत विरोधी ताकतों से सख्ती से निपटेगी? अगर ऐसा नहीं होता है, तो एक बार फिर भारत कनाडा संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।

भारत कनाडा संबंधों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है यह दावा

रिपोर्ट के मुताबिक, एसएफजे ने बयान जारी कर कहा, ‘दो साल पहले – 18 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद को बताया था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की भूमिका की जाँच चल रही है।’ साथ ही एसएफजे ने दावा किया कि भारतीय वाणिज्य दूतावास की घेराबंदी के माध्यम से समूह कनाडाई धरती पर जासूसी और धमकी के लिए जवाबदेही की मांग करेगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कनाडा सरकार ने एक आंतरिक रिपोर्ट में स्वीकार किया था कि चरमपंथी खालिस्तानी समूहों को कनाडा में मौजूद व्यक्तियों और नेटवर्कों से वित्तीय सहायता मिल रही है।

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