India US Trade Deal: टैरिफ वॉर की आग देखते ही देखते दुनिया के तमाम देशों को अपने आगोश में ले चुकी है। इसमें भारत के प्रति अमेरिका की विशेष तल्खियां सामने आई हैं। कागजों में इसे रूसी तेल खरीदने का परिणाम बताया जा रहा है। हालांकि, हकीकत कुछ और बयां कर रहा है। इंडिया यूएस ट्रेड डील पर बात नहीं बन पाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने 25 फीसदी के अतिरिक्त टैरिफ का ऐलान किया है।
हालांकि, रूसी तेल की खरीदारी करने वाले चीन और यूरोप यूनियन पर Donald Trump चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे में भारत के प्रति अमेरिका के तल्ख रूख का कारण सिर्फ रूसी तेल की खरीदारी को बताना जायज़ नहीं होगा। यहां असली मकसद कुछ और है। India US Trade Deal अंजाम तक नहीं पहुंच सकी, जिसके बाद लगातार अमेरिका का तल्ख भाव सामने आ रहा है। ऐसे में आइए हम आपको टैरिफ वॉर के बीच छिड़े इस संग्राम के बारे में बताते हैं।
यूरोप यूनियन और चीन पर चुप्पी, तो भारत के प्रति तल्ख रुफ क्यों अपना रहे प्रेसिडेंट ट्रंप?
सारे फसाद की जड़ रूसी तेल की खरीदारी बताया जा रहा है। पर क्या ये सही है? आंकड़े इस बात की गवाही नहीं दे रहे। आंकड़ों के मुताबिक चीन रूस से 47 फीसदी कच्चा तेल खरीदता है। भारत 38 फीसदी कच्चा तेल खरीद कर दूसरे स्थान पर है। वहीं यूरोपियन यूनियन द्वारा रूस से 6 फीसदी कच्चा तेल खरीदा जाता है। इसके बावजूद अमेरिका चीन और यूरोपियन यूनियन पर चुप्पी साधे और भारत से खफा है।
ये साफ तौर पर दर्शाता है कि अमेरिका के खफा होने की वजह सिर्फ रूसी तेल की खरीदारी नहीं, बल्कि मकसद कुछ और है। तमाम बातचीत के दौर चले, लेकिन India US Trade Deal अंजाम तक नहीं पहुंच सका जिसके बाद अमेरिका लगातार अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहा है। हालांकि, चीन और यूरोपियन यूनियन समेत अन्य तमाम देशों पर प्रेसिडेंट ट्रंप ने चुप्पी साध रखी है, जो उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है।
भारत से क्यों खफा हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप?
इसके पीछे कई प्रमुख वजहें बताई जा रही हैं। रूसी तेल की खरीद तो मुखौटा है जिसका जिक्र कर अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बनाने का काम कर रहा है। इससे इतर भी कुछ वजहें हैं जो प्रेसिडेंट ट्रंप की बढ़ती तल्खी का कारण माने जा रहे हैं।
सबसे पहले बात भारत-रूस के व्यापारिक संबंध की करें तो इसे एक प्रमुख वजह माना जा रहा है। भारत रूसी तेल के साथ रूसी हथियार भी खरीदता है और Russion Import देश में तेजी से बढ़ रहा है। ये बात अमेरिका को खटक रही है और उसे लगता है रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत ऐसा कर व्लादिमीर पुतिन की मदद कर रहा है। यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप भारत से खफा हैं।
इससे इतर भारत का ब्रिक्स देशों के समूह का नेतृत्व करना भी अमेरिका के लिए खटक का विषय है। BRICS देश अमेरिका के समकक्ष खड़े होकर दुनिया को एक विकल्प दे रहे हैं। चीन, रूस, ब्राजील, भारत और साउथ अफ्रीका जैसे देशों का समूह दुनिया में अपना दबदबा बढ़ा रहा है, जो अमेरिका को हजम नहीं हो रहा।
तीसरी प्रमुख वजह है भारत की बढ़ती साख जो अमेरिका की नजर में खटक रही है। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप की लाख कोशिशों के बावजूद भारत रूसी तेल की खरीद कर रहा है। ये अमेरिका की अनदेखी है। वहीं अमेरिकी एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए भारतीय बाजारों को खोलने और टैरिफ घटाने की मांग कर रहे डोनाल्ड ट्रंप की भारत पूर्णत: अनदेखी कर रहा है। ये भी ट्रंप के बदलते रुख का एक कारण है।