Thursday, May 22, 2025
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क्या फिर Marshal Law की ओर बढ़ रहा Pakistan? अयूब खान के बाद दूसरे आर्मी फील्ड मार्शल Asim Munir की नियुक्ति के बाद उठे सवाल

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Asim Munir: पड़ोसी मुल्क से बड़ी खबर सामने आई है कि कट्टरपंथी जनरल आसीम मुनीर को प्रमोट कर आर्मी फील्ड मार्शल बना दिया गया है। यह एक खबर कई संभावनाओं को जन्म दे रही है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या Pakistan एक बार फिर मार्शल लॉ की और बढ़ रहा है? इसके पीछे कई कड़ियां जुड़ी है। दरअसल, Asim Munir जनरल अयूब खान के बाद दूसरे आर्मी फील्ड मार्शल बने हैं। इससे पहले 1959 में आर्मी फील्ड मार्शल बने जनरल अयूब खान ने राष्ट्रपति इस्कंदर अली मिर्ज़ा को पद से हटाकर पाकिस्तान में मार्शल लॉ लागू कर दिया था। यह तख्तापलट की एक शुरुआत थी जिसे बाद में जिया-उल-हक और परवेज मुशर्रफ ने निरंतरता दी थी। यही वजह है कि अब आसीम मुनीर को प्रमोट कर फील्ड मार्शल बनाने के बाद सवालों के अंबार खड़े हो रहे हैं।

जनरल Asim Munir के प्रमोशन के बाद उठने लगे सवालों के अंबार

कट्टरपंथी विचारधारा से लबालब जनरल आसीम मुनीर की मानसिकता भला किससे छिपी है। आसिम मुनीर उन पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों से एक हैं, जो पाकिस्तान को अंदरखाने बर्बाद करने की राह पर ले जा रहे है। हालांकि अपनी चतुराई और शातिरता के बल पर आसीम मुनीर ने खुद को प्रमोट कर आर्मी फील्ड मार्शल के पद पर पहुंचा दिया है। 1959 में अयूब खान के फील्ड मार्शल बनने के बाद यह दूसरी बार है जब पाकिस्तान सेना से कोई शख्स फील्ड मार्शल के पद पर नियुक्त हुआ है।

सबसे प्रमुख है Pakistan Army Field Marshal के पद पर नियुक्ति से जुड़ी टाइमिंग। जहां एक और भारत-पाकिस्तान के बीच बीते दिनों तनाव का दौर देखने को मिला था। पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर हुआ। ऐसे समय में Asim Munir को आर्मी फील्ड मार्शल बनाना कई संभावनाओं को जन्म देता है। दावा किया जा रहा है कि यदि आसिम मुनीर के कट्टरपंथी मानसिकता का प्रदर्शन जारी रहा, तो शहबाज शरीफ जल्द ही तख्तापलट का शिकार हो सकते हैं और पाकिस्तान में मार्शल लॉ लागू हो सकता है।

जनरल अयूब खान पहले ही लिख चुके हैं तख्तापलट की पटकथा

अतीत के पन्ने पलटने पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से जुड़ी तमाम ऐसी बात सामने आती है जिसे पढ़ने कर कलई खुल जाती है। 1958 की बात करें तो पाकिस्तान के आजाद होने के दशक भर बाद ही जनरल अयूब खान ने तत्कालीन राष्ट्रपति इस्कंदर अली मिर्ज़ा को पद से हटाकर तख्तापलट किया। इसके ठीक बाद जनता की मांग का हवाला देकर अयूब खान ने 1959 में खुद को आर्मी फील्ड मार्शल घोषित कर दिया। पाकिस्तान सेना और वहां के हुक्मरानों में खटपट या मतभेद कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। इससे पहले अयूब खान जिया-उल-हक और परवेज मुशर्रफ जैसे सैन्य कर्मी तख्तापलट कर उस खटपट को सार्वजनिक कर चुके हैं।

यही वजह है कि अब जब Asim Munir को आर्मी फील्ड मार्शल के पद पर प्रमोट किया गया है, तो सवाल उठ रहे हैं। फिलहाल सब की निगाहें पड़ोसी मुल्क में जारी तमाम राजनीतिक घटनाक्रमों पर हैं और यह देखना दिलचस्प होगा की आसीम मुनीम किस कदर अपने नवीन दायित्व का निर्वहन करते हैं।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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