ISI in Bangladesh: कलह और भीतरघात के दौर से गुजर रहे बांग्लादेश में स्थिति असामान्य हो चुकी है। प्रदर्शनकारी एक बार फिर सड़कों पर उमड़ रहे हैं और निशाने पर है मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार। तमाम नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन के बीच Bangladesh में आईएसआई की एंट्री भी लगभग हो चुकी है। खबरों की मानें तो Muhammad Yunus के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ISI द्वारा डाले गए दाने चुगने के चक्कर में फंसती नजर आ रही है। बड़ा सवाल है कि क्या पाकिस्तान बांग्लादेश के कंधों पर रखकर बंदूक चलाने की तैयारी कर रहा है? क्या Pakistan भूलकर भी फिर गलती दोहराएगा? पाकिस्तान के ज़हन से क्या कारगिल युद्ध की याद मिट गई है? इस तरह के अन्य कई सवाल हैं जो बांग्लादेश में ISI की एंट्री के बीच उठ रहे हैं। (ISI in Bangladesh)
बर्बादी के संकेत! ISI की चंगुल में फंस रहा Bangladesh?
ISI डेलिगेशन का बांग्लादेश दौरा बीते जनवरी में खूब सुर्खियों में रहा था। दरअसल, Pakistan आपदा में अवसर की तलाश करते हुए बांग्लादेश में अपने एजेंट्स की तैनाती कर रहा है। शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मोहम्मद युनूस सरकार का झुकाव पाकिस्तान की ओर है और ये सत्य किसी से नहीं छिपा। ऐसे में ये स्पष्ट है कि यदि Bangladesh आईएसआई की चंगुल में आया, तो उसे बर्बाद होने से कोई नहीं रोक सकता। आर्थिक परेशानी से जूझ रहे बांग्लादेश में आईएसआई की एंट्री कई संभावनाओं को जन्म दे रही है। फिलवक्त सबकी निगाहें Muhammad Yunus के अगले कदम पर टिकी हैं, ताकि स्थिति स्पष्ट हो।
क्या Kargil War भूलकर नई गलती दोहराएगा Pakistan?
मुंह की खाते हैं, लेकिन फिर भी हरकतें वही करते हैं। ये बाते पाकिस्तान के संदर्भ में कही जा रही हैं। दरअसल, Pakistan एक बार फिर बांग्लादेश के सहारे भारत को सबक सिखाने की भूल करने की कोशिश में है। शायद पाकिस्तान को कारगिल युद्ध भूल चुका है। कारगिल के दौरान भारतीय सेना के वीर जवानों ने पाकिस्तानियों को दौड़ा-दौड़ाकर खदेड़ा था। मई से जुलाई 1999 के बीच हुए Kargil War में भारतीय सेना ने सैकड़ों आतंकियों को मार गिराया था जो षडयंत्रकारी पाकिस्तान के मुंह पर करारा तमाचा था।
इससे पूर्व 1971 में भी भारतीय सेना ने बांग्लादेश बनाने में अहम भूमिका निभाई और विभाजन के लिए लड़े गए इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पर मजबूर किया। 1971 में पाकिस्तानियों द्वारा किया आत्मसमर्पण दुनिया के सबसे बड़े सरेंडर में से एक माना जाता है। ऐसे में ये स्पष्ट है कि यदि पाकिस्तान ने बांग्लादेश के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साधने की हिमाकत की, तो एक बार फिर उसे झटका खाने से कोई नहीं रोक सकता।